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    Kanpur: Ursula अस्पताल में पर्चे में स्पेशल चिन्ह वाले मरीजों को मिल रहा VIP ट्रीटमेंट, नहीं लगानी पड़ती लाइन

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Agnihotri
    Updated: Fri, 14 Oct 2022 07:12 AM (IST)

    कानपुर के उर्सला अस्पताल में एक अलग ही मामला सामने आया है। जहां एक तरफ अस्पताल में चेकअप के लिए कई मरीजों को लाइन में लगना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ अगर पर्चे पर विशेष चिह्न बना है तो उन मरीजों का पहले चेकअप हो जाता है।

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    कानपुर के उर्सला अस्पताल में हो रही धांधलागर्दी।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए शहर के साथ आस-पास जिलों के मरीज बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। जहां पर भटकते हुए मरीजों के बीच विशेष चिह्न वाले पर्चों को वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। अगर मरीज के पर्चे पर किसी कर्मचारी या अस्पताल कर्मी ने विशेष चिह्न बना दिया तो हर समय विशेष इलाज आसानी से मिल जाएगा।

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    विशेष चिह्न की प्रक्रिया जांच केंद्र से लेकर पैथोलाजी, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे आदि में देखने को मिलती है। सरकारी व्यवस्था को आईना दिखाने वाले यह व्यवस्था बेहतर इलाज की मंशा से पहुंच रहे मरीजों के जख्मों को कुरेद रही है। लाटूश रोड की फूलमती ने बताया कि ओपीडी में दिखाने से लेकर आपरेशन और मरीज को भर्ती कराने के लिए बेड हासिल करने में पर्चे पर चिड़िया यानी विशेष चिह्न का होना जरूरी होता है। जिससे मरीज को चंद मिनटों वीआइपी ट्रीटमेंट मिल जाता है। 

    केस 1 : उर्सला अस्पताल में जाजमऊ के हनीफ पेट की समस्या लेकर अस्पताल पहुंचे। कई जांच कराने के लिए दो दिन तक वे भटकते रहे। जांच के लिए कतार में खड़े मरीज को जब पता चलता है कि पर्चे पर विशेष चिह्न बन जाएगा तो सारी जांच आसानी से हो जाएगी। जब अस्पताल के एक कर्मचारी ने पर्चे पर विशेष चिह्न अंकित किया। उसके बाद जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड चंद मिनटों में पूरे हो गए।

    केस 2 : यतीमखाना की साजिया ने बताया कि एक्सरे के लिए कई घंटे इंतजार कर रही थी। परंतु जैसे ही कर्मचारी जिस मरीज को लेकर आते उनको पहले एक्सरे कर दिया जाता है। पूछने पर पता चलता है कि पर्चे पर विशेष चिह्न अंकित है। जब देखने की कोशिश की तो पता चलता कि पर्चे के ऊपरी भाग में छोटा का चिह्न अंकित था। जिसे देखते ही सारी काम चंद मिनटों में पूरे हो गए।  

    अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच गंभीरता से कराई जाएगी। अस्पताल में आने वाले हर मरीज का इलाज प्राथमिकता पर किया जाता है। अगर किसी विशेष चिह्न के आधार पर काम चल रहा है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। - डा. एसपी चौधरी, निदेशक, उर्सला अस्पताल।