युवाओं में दिखा जोश, 949 ने कराया वैक्सीनेशन
शहर को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार लगातार बढाई जा रही है।

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार लगातार बढ़ाई जा रही है। इसी क्रम में ग्रीनपार्क स्टेडियम में मेगा कैंप चल रहा है, जहां दूसरे दिन शारीरिक दूरी और कोविड से बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन सख्ती से किया गया। सेंटर पर युवाओं और 45 से अधिक उम्र वालों को सुरक्षा की डोज लगी। 18 से 44 आयु वर्ग के 949 और 45 से अधिक आयुवर्ग के 110 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ।
गुरुवार सुबह से डायरेक्टर पवेलियन के गेट पर वैक्सीनेशन कराने पहुंचे युवाओं को टोकन दिया गया। हर बूथ के बाहर गोले बनाकर 200-200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई, जिसका युवाओं न स्वयं पालन किया। हालांकि प्रशासन की ओर से वालंटियर्स और पुलिस बल तैनात किया गया था। एक दिन पहले हुई भीड़ को देखते हुए रजिस्ट्रेशन सेंटर बढ़ाए गए थे। प्लेयर रूम में वैक्सीनेशन बूथ बनाए गए, जिसमें पांच-पांच लोगों को प्रवेश दिया गया। इसी प्रकार 45 पार वाले बूथ पर भी आसानी से वैक्सीनेशन होता रहा। युवाओं ने वैक्सीन लगने के बाद वेटिग रूम में डॉक्टरों की निगरानी में कुछ समय बिताया और फिर ग्रीनपार्क के खूबसूरत नजारों के साथ सेल्फी ली। छह सेशन में हुए वैक्सीनेशन में सीडीओ डॉ. महेन्द्र कुमार ने निरीक्षण किया। व्यवस्थित वैक्सीनेशन के लिए पांच एसीएम तैनात किए गए हैं।
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प्रशासन संग स्वास्थ्य विभाग की टीम रही तैनात
ग्रीनपार्क मे वैक्सीनेशन को सुचारुरखने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे समय तैनात रही। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह, उप निदेशक खेल मुद्रिका पाठक, उपक्रीड़ाधिकारी सुनील कुमार व फिजियो डॉ. स्टैनली ब्राउन मौजूद रहे।
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आसानी से वैक्सीनेशन हुआ किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। पहले दिन अव्यवस्था के बारे में जानकारी मिली थी, परंतु आज सबकुछ दुरुस्त रहा।
मानिक द्विवेदी, छात्र
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मुख्य द्वार पर ही टोकन देकर किस बूथ पर जाना है, इसकी जानकारी मिल गई थी। शारीरिक दूरी के लिए बने गोलों में बैठकर सबने संक्रमण से लड़ाई में अपनी भूमिका अदा की।
कनिष्का, छात्रा
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ग्रीनपार्क में आकर टीका लगवाया। नियमपूर्वक वैक्सीनेशन के बाद डॉक्टरों की देखरेख में बैठाया गया। कोई दिक्कत नहीं होने पर जाने की अनुमति मिली।
अंशिका, छात्रा
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दूसरी डोज और पहली डोज वालों के बूथ और रजिस्ट्रेशन द्वार अलग-अलग थे। इसलिए यहां आने वालों का आसानी से वैक्सीनेशन हुआ।
मेघा, छात्रा
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