कानपुर : पनकी थर्मल पावर प्लांट में अगले वर्ष से बिजली उत्पादन, प्रधानमंत्री ने रखी थी आधारशिला
कानपुर में पनकी थर्मल पावर प्लांट में 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अक्टूबर में बायलर का लाइट अप टेस्ट होगा। इसके बाद अगले साल से बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। मंडलायुक्त ने निरीक्षण करके निर्माण कार्य की समीक्षा की है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। पनकी में बन रहे 660 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इस वर्ष अक्टूबर में बायलर का लाइटअप (आग जलाना) किया जाएगा। अगले वर्ष जुलाई में बिजली का उत्पादन शुरू किए जाने का लक्ष्य है। मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने पनकी थर्मल पावर प्लांट का निरीक्षण कर अधिकारियों से निर्माण कार्य की जानकारी ली।
मंडलायुक्त डा. राजशेखर पनकी पावर हाउस में 660 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट के निर्माण कार्य की समीक्षा करने पहुंचे। उन्होंने उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम, बीएचईएल व प्लांट के बायलर विभाग के अधिकारियों के साथ प्लांट का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि प्लांट का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। जुलाई 2023 तक प्लांट से बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अक्टूबर 2023 तक साइट का पूरा विकास कर लिया जाएगा। थर्मल पावर प्लांट परियोजना 80 हेक्टेयर में फैली हुई है। इस परियोजना के तहत भविष्य में प्रत्यक्ष रूप से 600 लोगों को, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 2000 से 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
परियोजना की निर्माण एजेंसी बीएचईएल है। यहां नमामि गंगे जल निगम इकाई द्वारा स्थापित बिनगवां एसटीपी से 40 एमएलडी उपचारित पानी का प्रयोग हो रहा है। प्लांट प्रतिदिन 3000 टन फ्लाई ऐश का उत्पादन करेगा। फ्लाई ऐश का का प्रयोग सीमेंट कारखाने व ईंट निर्माण के लिए कर सकेंगे। मंडलायुक्त ने प्लांट का निर्माण समय से पूरा करने, निर्माण के दौरान श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पनकी पावर हाउस के जीएम आरपी सक्सेना सहित अन्य अधिकारी रहे।
वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने रखी थी आधारशिला : पनकी में निर्माणाधीन 660 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट परियोजना को 2018 में स्वीकृत किया गया था। परियोजना की आधारशिला आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी। परियोजना की कुल लागत 5816 करोड़ रुपये है। इसे 46 महीने की अवधि में पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से विलंब हुआ।
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