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ओएफसी आज से एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया

एसएएफ फील्डगन फैक्ट्री भी इसी नाम से जानी जाएंगी

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 01:54 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 01:54 AM (IST)
ओएफसी आज से एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया
ओएफसी आज से एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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देश की 41 आयुध निर्माणिया अब सात कंपनियों के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। इनमें तीन कंपनियों का मुख्यालय कानपुर होगा। एक अक्टूबर से ओएफसी, फील्डगन फैक्ट्री और एसएएफ ओफसी का संचालन कंपनी के अधीन आ जाएगा। ऐसे में इनका नाम भी बदलकर एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया हो जाएगा। इसी तरह आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) का नाम ट्रूप कंफ‌र्ट्स लिमिटेड कानपुर हो जाएगा जबकि आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) का नाम ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी। कंपनियों का जिम्मा मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संभालेंगे। एडवास वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के सीएमडी राजेश चौधरी, ट्रूप कंफ‌र्ट्स के सीएमडी संतोष कुमार सिन्हा जबकि ग्लाइडर्स इंडिया के सीएमडी विजय कुमार तिवारी होंगे। अभी तक यहां महाप्रबंधक जिम्मेदारी संभालते थे।

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17 जून को हुई थी घोषणा

केंद्र सरकार ने आयुध निर्माणियों के विलय की घोषणा 17 जून 2021 को की। 14 अगस्त को सातों कंपनियों को रजिस्ट्रार आफ कंपनीज में पंजीकरण कराया गया है। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि 13 आयुध निर्माणियों के लिए बनाई गई तीन कंपनियों के हेडक्वार्टर कानपुर में बनाए गए हैं। नई व्यवस्था में अधिकारियों और कर्मचारियों के पदनाम भी बदल जाएंगे। जानकारों के मुताबिक तीनों कंपनियों के शेयर भी भविष्य में शेयर बाजार में आ सकते हैं।

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किन कंपनियों में कौन सी निर्माणिया

एडवास वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया : आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी), फील्डगन फैक्ट्री कानपुर, लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ), गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर, गन एंड शेल फैक्ट्री काशीपुर (पश्चिम बंगाल), आर्डनेंस फैक्ट्री प्रोजेक्ट कोरवा (अमेठी), आर्डनेंस फैक्ट्री तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु), राइफल फैक्ट्री इच्छापुर (पश्चिम बंगाल)।

-ट्रूप कंफ‌र्ट्स लिमिटेड : आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) कानपुर, आर्डनेंस क्लाथिंग फैक्ट्री (तमिलनाडु), आर्डनेंस क्लाथिंग फैक्ट्री शाहजहापुर, आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री हजरतपुर (फीरोजाबाद)।

-ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड : पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) कानपुर।

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162 साल पुरानी है ओईएफ

देश में सबसे पहले 18 मार्च वर्ष 1801 को काशीपुर में पहली आयुध निर्माणी की स्थापना की गई थी। इसी दिन को आयुध निर्माणी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कानपुर में 162 साल पहले वर्ष 1859 को आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) की स्थापना की गई। अक्तूबर 1941 में आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ), 1942 में आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी), ्र1949 में लघु शस्त्र निर्माणी और 1971 में फील्ड गन फैक्ट्री की स्थापना की गई थी।

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दो साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे

सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों के सभी प्रकार के वेतन, भत्ते आदि का भुगतान दो वर्ष तक करेगी। सभी अधिकारी और कर्मचारी दो साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे। हालाकि इसके बाद क्या होगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं है। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि सभी आयुध निर्माणिया उत्पादन इकाइया हैं। ऐसे में वर्क लोड बढ़ने पर वेतन बढ़ने की भी संभावना है।


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