अब लेक्चर देकर पोर्टल पर करना होगा अपलोड
-प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में लेक्चर देने वाले शिक्षकों के लिए नए दिशा निर्देश जारी

जागरण संवाददाता, कानपुर : भले ही अभी तक प्री-पीएचडी कोर्सवर्क के दौरान पढ़ाने वाले शिक्षक कालेजों से बातचीत करके कामचलाऊ व्यवस्था को अपनाते रहे हों, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। जो शिक्षक लेक्चर देने शोध केंद्रों पर जाएंगे, उन्हें लेक्चर देने के दो घंटे बाद ही विवि की वेबसाइट पर अपने लेक्चर को अपलोड करना होगा। यही नहीं, लेक्चर के साथ ही शिक्षकों को संबंधित विषय पर अपना प्रेजेंटेशन भी देना होगा।
विवि प्रशासन की ओर से पहली बार इस व्यवस्था को इस सत्र से लागू किया गया है। इसकी जानकारी सभी शोध केंद्र के संयोजकों व पीएचडी के लिए जो संयोजक बनाए गए हैं, उन्हें दे दी गई है। दरअसल इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से भी विवि को निर्देश भेजे जा चुके हैं। विवि से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक शिक्षकों और कालेजों पर लेक्चर की जिम्मेदारी रहती थी। तमाम शोध केंद्रों पर कामचलाऊ व्यवस्था के तहत कभी लेक्चर आयोजित होते थे तो कभी फौरी तौर एंट्री कर दी जाती थी, लेकिन अब शिक्षकों को अपने लेक्चर का प्रमाण देना होगा। इसके लिए विवि की वेबसाइट पर पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है। वहीं, आगामी 23 नवंबर से सीएसजेएमयू कैंपस व चार शोध केंद्रों पर प्री-पीएचडी कोर्स वर्क की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
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इस सत्र से जो शिक्षक शोध केंद्रों पर लेक्चर के लिए जाएंगे, उन्हें लेक्चर देने के दो घंटे बाद ही विवि की वेबसाइट पर अपने लेक्चर को अपलोड करना होगा।
डा. आरके द्विवेदी, निदेशक कालेज डेवलपमेंट काउंसिल
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