नीति आयोग की भू-जल संरक्षण समिति के सदस्य बने जलयोद्धा उमाशंकर, मिल चुके हैं कई सम्मान
‘खेत पर मेड़-मेड़ पर पेड़ के जल संरक्षण माडल से देश में पहचान बनाने वाले जलयोद्धा उमाशंकर को नीति आयोग की भू-जल संरक्षण समिति के सदस्य बनाया गया है। उन्होंने जलग्राम जखनी को संवारा औ न कभी अनुदान लिया न पुरस्कार के पीछे दौड़े।
बांदा, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित नीति आयोग ने देश को जल ग्राम जखनी माडल खेत पर मेड़-मेड़ पर पेड़ देने वाले सर्वोदय कार्यकर्ता उमाशंकर पांडेय को भू-जल संरक्षण समिति में सदस्य नामित किया है। नीति आयोग के जल एवं भूमि सलाहकार अविनाश कुमार मिश्रा ने जल संरक्षण की दिशा में उनके प्रयासों को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी है। जल योद्धा पांडेय ने जल संरक्षण का विशिष्ट माडल देकर देश ही नहीं, दुनिया में पहचान बनाई है। इससे बुंदेलखंड में जल संरक्षण की दिशा में और बेहतरी आएगी।
बांदा के जखनी गांव निवासी सर्वोदय कार्यकर्ता उमाशंकर पांडेय दिव्यांग हैं। इसके बावजूद जल संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने समुदाय के आधार पर पूर्वजों की विधि से बगैर सरकार की सहायता के परंपरागत तरीके से खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ वर्षा जल संरक्षण का तरीका लागू किया। वह पिछले 25 वर्षों से बिना सरकारी मदद के वर्षा जल संरक्षण का अभियान चला रहे हैं। उनके इस अभियान की प्रशंसा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं। उमाशंकर के जल संरक्षण के माडल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर के प्रधानों को पत्र लिखा। उमाशंकर कहते हैं, उनका माडल जिले की सभी 470 ग्राम पंचायतों में तत्कालीन जिलाधिकारी हीरालाल ने लागू किया था। बताया कि कभी एक रुपये का सरकारी अनुदान नहीं लिया और न ही किसी पुरस्कार के लिए आवेदन किया। जब तक स्वास्थ्य ठीक है, तब तक वर्षा जल संरक्षण की दिशा में काम करते रहेंगे। पौधारोपण करके भू-जल संरक्षण का प्रयास जारी रहेगा।
वर्ष और मिले प्रमुख सम्मान
2020 : जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जल संरक्षण के क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार जल योद्धा सम्मान देश के उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में दिया।
2020 : द वाटर डाइजेस्टर अवार्ड इंटरनेशनल यूएन डायरेक्टर की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्री ने दिया।
2019 : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के हाथों राष्ट्रीय जल प्रहरी सम्मान।
2015 : विद्या भूषण सम्मान संस्कृत रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने दिया। इसी साल वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड यूके की ओर से तत्कालीन वित्त राज्यमंत्री भारत सरकार शिव प्रताप शुक्ला के हाथों सम्मानित।
1999 :उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त की अध्यक्षता में तत्कालीन राज्यपाल डा. सूरजभान ने लोक सेवक सम्मान राजभवन लखनऊ में सौंपा।