Move to Jagran APP

गंगा में जहर घोल रहीं नौ डाइंग इकाइयां

जागरण संवाददाता, कानपुर : फर्रुखाबाद, कानपुर और उन्नाव की नौ डाइंग (कपड़ा रंगने वाले उद्य

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 10:05 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 02:45 PM (IST)
गंगा में जहर घोल रहीं नौ डाइंग इकाइयां
गंगा में जहर घोल रहीं नौ डाइंग इकाइयां

जागरण संवाददाता, कानपुर : फर्रुखाबाद, कानपुर और उन्नाव की नौ डाइंग (कपड़ा रंगने वाले उद्योग) इकाइयां गंगा में जहर घोल रही हैं। उससे निकलने वाला पानी पतित पावनी गंगा को दूषित कर रहा है। यह खुलासा हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) की जांच में हुआ है। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दी गई है। कुछ ड्राई यूनिटों पर अभी काम चल रहा है।

prime article banner

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने कंसल्टेंसी कम रिजल्ट (परामर्श सह परिणाम) के लिए एचबीटीयू, बीएचयू समेत कई तकनीकी विश्वविद्यालयों को नामित किया है। बीएचयू की टीम इलाहाबाद से वाराणसी में गंगा प्रदूषण का आकलन कर रही है। एचबीटीयू को फर्रुखाबाद, कानपुर और उन्नाव क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। एचबीटीयू के विशेषज्ञों को 63 डाइंग इकाइयों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया। इसमें औद्योगिक प्रक्रिया, इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी), बॉयलर, बिजली क्षमता शामिल है। विशेषज्ञों ने यूनिटों पर शोध कर लिया है, उसमें से नौ मानकों के विपरीत पाई गई।

संचालकों ने नहीं किया सहयोग

जांच में यूनिट संचालकों ने टीम का सहयोग नहीं किया। कुछ ने आनाकानी की तो कुछ इकाइयों में ताला लटका दिया गया। फर्रुखाबाद के अंगूरीबाग में संचालक छापेमारी के डर से फरार हो गए।

ईटीपी की क्षमता मानक के विपरीत

विशेषज्ञों के मुताबिक कई यूनिटों में ईटीपी की क्षमता मानक के विपरीत है। डिस्चार्ज वॉटर (निवर्हन पानी) के लिए सरकार की ओर से कई पैरामीटर बनाए गए हैं। जांच में डिस्चार्ज वॉटर का पैरामीटर बढ़ा हुआ आया है।

----------------------

यहां हुई जांच

फर्रुखाबाद के अंगूरीबाग, उन्नाव के मगरवारा, कानपुर में रूमा, पनकी, दादा नगर की डाइंग इकाइयों की जांच की गई। मगरवारा में बैग और टेंट बनाया जाता है। फर्रुखाबाद और उन्नाव में कई ड्राई यूनिट संचालित हैं। हालांकि उसमें पानी का प्रयोग नहीं होता है लेकिन प्रदूषण के कारणों की पड़ताल की जा रही है।

------------------

'डाइंग इकाइयों की रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दी गई है। कुछ मानकों के अनुरूप नहीं मिलीं। ड्राई यूनिट पर काम चल रहा है।

-प्रो. बृजेंद्र सिंह, बायोकेमिकल इंजीनिय¨रग विभाग एचबीटीयू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.