जीएमसी और सीपीसी माल गोदाम में बनेंगे नए रेलवे स्टेशन Kanpur News
योजना अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर बन रही है।
कानपुर[गौरव दीक्षित]। रेलवे के नक्शे पर आने वाले दिनों में कानपुर को एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। यह योजना अगले 50 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर बन रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है जीएमसी और सीपीसी माल गोदाम में नए रेलवे स्टेशनों की स्थापना। सेंट्रल स्टेशन के साथ अनवरगंज और गोविंदपुरी को भी विकसित किया जाएगा।
सेंट्रल रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि अगले साल डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर शुरू हो सकेगा, जिसके बाद दिल्ली-हावड़ा रूट पर यात्री ट्रेनों की संख्या को और बढ़ाया जा सकेगा। कानपुर ऐसा केंद्र हैं, जहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं। इन संभावनाओं को देखते हुए अगले 50 साल की जरूरतों के मद्देनजर एक खाका तैयार किया है, जिसमें जीएमसी व सीपीसी माल गोदाम में नए रेलवे स्टेशन स्थापित करने और गोविंदपुरी व अनवरगंज को विकसित करने की योजना है। कई प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड से स्वीकृत हो चुके हैं और जल्द ही काम शुरू हो जाएंगे।
सेंट्रल नहीं आएंगी दिल्ली-हावड़ा रूट की कुछ ट्रेनें
जीएमसी यार्ड गोविंदपुरी में दो प्लेटफार्म वाला नया स्टेशन बनाने की योजना है। यहां दिल्ली- हावड़ा रूट की कुछ ट्रेनें यहीं से होकर गुजरेंगी। ये ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन नहीं जाएंगी। स्पेशल ट्रेनें भी यहीं से चलाने की योजना है।
सीपीसी माल गोदाम से चलेंगी मेमू
सीपीसी मालगोदाम में मेमू ट्रेनों के संचालन के लिए अलग से रेलवे स्टेशन विकसित होगा। यहीं से लखनऊ, प्रयागराज, इटावा, झांसी के अलावा फर्रुखाबाद रूट की पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए सीपीसी माल गोदाम के खाली पड़े हिस्से का उपयोग किया जाएगा। शेष हिस्से में गुड्स डिपो बना रहेगा।
अनवरगंज में पांच प्लेटफार्म होंगे
सेंट्रल रेलवे स्टेशन का लोड कम करने के लिए अनवरगंज को विकसित करने की योजना है। अभी अनवरगंज में तीन प्लेटफार्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया जाना है। कानपुर से शुरू होने वाली ट्रेनों को अनवरगंज से चलाया जाएगा। जैसे अभी चौरीचौरा एक्सप्रेस को चलाया जाता है। प्लेटफार्म विस्तार का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। यहां से लखनऊ, प्रयागराज और फर्रुखाबाद रूट की ट्रेनें चलेंगी।
गोविंदपुरी से चलेंगी झांसी की ट्रेनें
झांसी-कानपुर रेल रूट के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का काम चल रहा है। इसके पूरा होते ही ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए रेलवे स्टेशन गोविंदपुरी को विकसित किया जाएगा और झांसी रूट की जो ट्रेनें कानपुर से ही बनकर चलती हैं, गोविंदपुरी से चलेंगी। यहां पर एक अतिरिक्त लूप लाइन बनाने का विचार है। अधूरी पड़ी रेलवे लाइन भी पूरी की जाएगी।
भीमसेन से सेंट्रल स्टेशन पर एलीवेटेड ट्रैक
भीमसेन के पास झांसी-कानपुर और दिल्ली-हावड़ा रूट का ट्रैक आपस में क्रासओवर करता है। इसकी वजह से कभी झांसी रूट तो कभी दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों को इंतजार कराया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए भीमसेन से सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का सपना करीब पांच साल पहले देखा गया था। इस बार बजट में योजना के लिए 1789 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डीपीआर बन चुकी है और टेंडर जल्द ही मांगे जाने वाले हैं।
कानपुर को रेलवे का हब बनाना है। सेंट्रल रेलवे स्टेशन को केंद्र में रखकर आसपास के रेलवे स्टेशनों को विकसित करने व नए रेलवे स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है।- -हिमांशु शेखर उपाध्याय
सेंट्रल रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि अगले साल डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर शुरू हो सकेगा, जिसके बाद दिल्ली-हावड़ा रूट पर यात्री ट्रेनों की संख्या को और बढ़ाया जा सकेगा। कानपुर ऐसा केंद्र हैं, जहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं। इन संभावनाओं को देखते हुए अगले 50 साल की जरूरतों के मद्देनजर एक खाका तैयार किया है, जिसमें जीएमसी व सीपीसी माल गोदाम में नए रेलवे स्टेशन स्थापित करने और गोविंदपुरी व अनवरगंज को विकसित करने की योजना है। कई प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड से स्वीकृत हो चुके हैं और जल्द ही काम शुरू हो जाएंगे।
सेंट्रल नहीं आएंगी दिल्ली-हावड़ा रूट की कुछ ट्रेनें
जीएमसी यार्ड गोविंदपुरी में दो प्लेटफार्म वाला नया स्टेशन बनाने की योजना है। यहां दिल्ली- हावड़ा रूट की कुछ ट्रेनें यहीं से होकर गुजरेंगी। ये ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन नहीं जाएंगी। स्पेशल ट्रेनें भी यहीं से चलाने की योजना है।
सीपीसी माल गोदाम से चलेंगी मेमू
सीपीसी मालगोदाम में मेमू ट्रेनों के संचालन के लिए अलग से रेलवे स्टेशन विकसित होगा। यहीं से लखनऊ, प्रयागराज, इटावा, झांसी के अलावा फर्रुखाबाद रूट की पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए सीपीसी माल गोदाम के खाली पड़े हिस्से का उपयोग किया जाएगा। शेष हिस्से में गुड्स डिपो बना रहेगा।
अनवरगंज में पांच प्लेटफार्म होंगे
सेंट्रल रेलवे स्टेशन का लोड कम करने के लिए अनवरगंज को विकसित करने की योजना है। अभी अनवरगंज में तीन प्लेटफार्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर पांच किया जाना है। कानपुर से शुरू होने वाली ट्रेनों को अनवरगंज से चलाया जाएगा। जैसे अभी चौरीचौरा एक्सप्रेस को चलाया जाता है। प्लेटफार्म विस्तार का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। यहां से लखनऊ, प्रयागराज और फर्रुखाबाद रूट की ट्रेनें चलेंगी।
गोविंदपुरी से चलेंगी झांसी की ट्रेनें
झांसी-कानपुर रेल रूट के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का काम चल रहा है। इसके पूरा होते ही ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए रेलवे स्टेशन गोविंदपुरी को विकसित किया जाएगा और झांसी रूट की जो ट्रेनें कानपुर से ही बनकर चलती हैं, गोविंदपुरी से चलेंगी। यहां पर एक अतिरिक्त लूप लाइन बनाने का विचार है। अधूरी पड़ी रेलवे लाइन भी पूरी की जाएगी।
भीमसेन से सेंट्रल स्टेशन पर एलीवेटेड ट्रैक
भीमसेन के पास झांसी-कानपुर और दिल्ली-हावड़ा रूट का ट्रैक आपस में क्रासओवर करता है। इसकी वजह से कभी झांसी रूट तो कभी दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों को इंतजार कराया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए भीमसेन से सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का सपना करीब पांच साल पहले देखा गया था। इस बार बजट में योजना के लिए 1789 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डीपीआर बन चुकी है और टेंडर जल्द ही मांगे जाने वाले हैं।
कानपुर को रेलवे का हब बनाना है। सेंट्रल रेलवे स्टेशन को केंद्र में रखकर आसपास के रेलवे स्टेशनों को विकसित करने व नए रेलवे स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है।- -हिमांशु शेखर उपाध्याय
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