Move to Jagran APP

Navratri 2022: भद्रकाली माता मंदिर में रोजाना सुबह पूजन करके चला जाता है भक्त, आजतक काेई नहीं देख पाया उसे

कानपुर के घाटमपुर तहसील क्षेत्र के भदरस गांव में भद्रकाली माता का अति प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का उल्लेख कवि उम्मेदराय खरे की पांडुलिपि में भी मिलता है। यहां रोजाना सुबह अदृश्य भक्त पूजन करके चला जाता है।

By JagranEdited By: Abhishek AgnihotriPublished: Tue, 27 Sep 2022 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 05:02 PM (IST)
कानपुर के घाटमपुर में भदरस गांव में है काली देवी का अद्भुत मंदिर।

कानपुर, जागरण संवाददाता। घाटमपुर क्षेत्र के भदरस गांव में स्थित भद्रकाली माता का मंदिर हजारों साल पुराना है। सुख और समृद्धि की कामना लेकर सैकड़ों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं। भद्रकाली माता के मंदिर में भक्त नारियल और मिठाई का भोग लगाकर माता को चुनरी अर्पित करते हैं। मान्यता है कि माता के दरबार में पहुंचने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। एक मान्यता यह भी है कि भद्रकाली माता मंदिर में रोज सुबह माता का पहला पूजन अदृश्य भक्त कर जाते हैं, जिन्हें आज तक किसी ने नहीं देखा है।

loksabha election banner

कवि की पांडुलिपि में मिलता है मंदिर का वर्णन

भद्रकाली माता के मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। मंदिर का जिक्र पहली बार भदरस गांव के कवि उम्मेदराय खरे द्वारा सन् 1783 में लिखी गई एक पांडुलिपी में मिलता है। फारसी में लिखी गई ऐश आफ्जा नाम की पांडुलिपी में माता भद्रकाली का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि पहले मां भद्रकाली के नाम से भदरस गांव का नाम भद्रपुर था। मंदिर के आसपास ही गांव बसा था। मान्यता है कि आठवीं शताब्दी में मां के आदेश पर गांव को मंदिर से कुछ दूर बसाया गया था।

मंदिर जाने के लिए अपनाएं ये रास्ता

कानपुर या अन्य जनपदों से आने वाले लोग घाटमपुर में मां कूष्मांडा देवी मंदिर के सामने से भदरस गांव को जाने वाली लिंक रोड के जरिए माता के मंदिर पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही मुगल रोड से आने वाले लोग मूसानगर रोड पर तीन नंबर के पास से भदरस गांव को जाने वाली लिंक रोड से मंदिर पहुंच सकते हैं।

-मां का दरबार भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। नवरात्र के दिनों में हजारों की संख्या में भक्त मां के दर्शन को पहुंचते हैं। भद्रकाली माता के आशीर्वाद से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। -पुरुषोत्तम अवस्थी, कोषाध्यक्ष, माता भद्रकाली कमेटी, भदरस

-नवरात्र के दिनों में माता के मंदिर में कई शहरों से श्रद्धालु पहुंचकर पूजन वंदन करते हैं। महिलाएं मां का शृंगार कर सुख-समृद्धि और परिवार कल्याण की प्रार्थना करती हैं। मां के दरबार में नवरात्र में आस्था का संगम देखने को मिलता है। -सर्वेश पांडेय, भक्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.