आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक ने कहा, कोरोना काल में आयुष काढ़ा और होम्योपैथिक उपचार को कई देशों ने अपनाया
नियंत्रित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। घरेलू उपचार प्रथम उपचार आदि आयामों को आरोग्य भारती आने वाले समय में विस्तृत रूप से चलाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने हर जिले में नियमित कार्यक्रमों को चलाने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल के दौरान दुनिया के कई देशों ने आयुष काढ़ा और होम्योपैथी की दवाओं को अपनाया है। यह बात रविवार को आरोग्य भारती की कानपुर प्रांत की बैठक में कही गई। विकास नगर स्थित जय नारायण विद्या मंदिर में हुई बैठक में प्रांत के विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि व आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक वाष्र्णेय ने बताया कि कोरोना काल ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है। विभिन्न प्रकार के नए-नए कार्य लोगों ने किए हैं। आयुष काढ़ा और होम्योपैथिक की दवा को विश्व में कई देशों ने अपनाया है। आयुर्वेद ने इस दौरान कोरोना को नियंत्रित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। घरेलू उपचार, प्रथम उपचार आदि आयामों को आरोग्य भारती आने वाले समय में विस्तृत रूप से चलाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने हर जिले में नियमित कार्यक्रमों को चलाने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया। इससे आगे और कार्यकता जुड़ेंगे।
आज देश की सभी भाषाओं में आरोग्य भारती का साहित्य उपलब्ध है। अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष सुनील बाजपेयी ने की। बैठक में कन्नौज, फतेहपुर, झांसी, लखनऊ, कानपुर महानगर आदि जिलों के पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में कई कार्यकर्ताओं के दायित्वों की घोषणा भी हुई। संचालन डॉ. बीएन आचार्य ने किया। धन्यवाद डॉ. सीमा द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम में डॉ. भक्ति विजय शुक्ला, नवेन्दु शुक्ला, स्वतंत्र अग्रवाल, कन्नौज से सूर्यकांत दीक्षित, डॉ. वीरेंद्र सिंह चंदेल, श्रीनाथ द्विवेदी, डॉ. अनुपम जैन, कौस्तुभ ओमर, आयुषी कटिहार, अनीता सिंह, रमाकांत शुक्ला रहे।
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