कानपुर में आवक बढ़ते ही लाही के भाव में आई गिरावट, यहां जानिए - सरसों के तेल का ताजा भाव
Mustard Oil Price कोरोना संकट के दौरान कारोबारियों पल्लेदारों और मंडी के कर्मचारियों को बीमार होते देख कारोबारियों ने स्वत 21 अप्रैल के करीब सर्वसम्मति से मंडी को बंद करने का फैसला लिया था। दूसरी तरफ बुंदेलखंड की मंडियां भी इस अंतराल में बंद चल रही थीं।

कानपुर, जेएनएन। Mustard Oil Price महामारी के समय लगाए गए आंशिक लाकडाउन में नौबस्ता गल्ला मंडी में खुली लाही के भाव औंधे मुंह गिर पड़े हैं। 10 मई को लाही अब तक के सबसे अधिक मूल्य 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर थी, लेकिन मात्र दो सप्ताह में लाही 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है। इसकी वजह से थोक और फुटकर में सरसों के तेल की कीमतें भी 10 रुपये तक गिर गई हैं।
दो सप्ताह में छह सौ रुपये तक गिरावट: कोरोना संकट के दौरान कारोबारियों, पल्लेदारों और मंडी के कर्मचारियों को बीमार होते देख कारोबारियों ने स्वत: 21 अप्रैल के करीब सर्वसम्मति से मंडी को बंद करने का फैसला लिया था। दूसरी तरफ बुंदेलखंड की मंडियां भी इस अंतराल में बंद चल रही थीं। इसके बाद एक मई से कोरोना कर्फ्यू लगने के कारण लाही की आवक रुक गई और उसकी कीमतें बढ़ने लगीं। 10 मई को मंडी सचिव ने गल्ले की कमी की वजह से कारोबारियों से बात कर दोबारा मंडी में काम शुरू कराया। उस दिन लाही 7,400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी थी, लेकिन मंडी के खुलने से आवक शुरू हुई तो भाव गिरते चले गए। दो सप्ताह में 600 रुपये क्विंटल भाव टूट चुके हैं।
कारोबारियों का मानना है, लाही के भाव बहुत नीचे नहीं आएंगे क्योंकि आठ जून से सरसों का तेल लिखकर बेचने वालों को ब्लेंडिंग करने का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए जल्द ही लाही की मांग बढ़ेगी। इस समय लाही अपने समर्थन मूल्य 4,650 रुपये प्रति क्विंटल से करीब 50 फीसद ज्यादा रेट पर मिल रही है। जहां तक कानपुर में लाही की आवक की बात है तो यहां रोज करीब तीन हजार क्विंटल लाही आती है। इसके बाद लाही यहां से आगरा और पश्चिम बंगाल सबसे ज्यादा जाती है क्योंकि वहीं पर सरसों के तेल का ज्यादा काम होता है।
कानपुर मंडी में सरसों के तेल का भाव: जहां एक ओर लाही के भाव गिरे हैं वहीं लाही के भाव गिरने से सरसों के तेल की कीमतें भी गिरी हैं। थोक में तेल 165 रुपये किलो से 155 रुपये पर आ गया है और फुटकर में 175 से 180 रुपये किलो बिक रहा तेल 165 से 170 रुपये किलो बिक रहा है।
इनका ये है कहना:
- मंडी खुलने के बाद से लाही की आवक आसपास के सभी जिलों से तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह से कीमतें कम हुई हैं, लेकिन मांग अभी तेज होने की उम्मीद है। इसलिए कीमतें फिर बढ़ सकती हैं। - अजय बाजपेई, गल्ला आढ़तिया।
- लाही की कीमतें पिछले कुछ दिन में गिरी हैं, इसकी वजह से तेल के भाव भी नीचे आए हैं। हालांकि बिना ब्लेंडिंग का सरसों का तेल बेचने के निर्देश के चलते लाही की मांग और तेज होगी। इससे कीमतें बढ़ेंगी। - प्रेम कृष्ण गुप्ता, तेल के थोक कारोबारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।