नई टर्मिनल बिल्डिग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट देख सांसद नाराज
चेतावनी के साथ आधे घंटे में खत्म हुई एडवाइजरी कमेटी की बैठक

जागरण संवाददाता, कानपुर : मवइया में धीमी रफ्तार से बन रही नई एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग को लेकर मंगलवार को एडवाइजरी कमेटी का गुस्सा फूट पड़ा। टर्मिनल बिल्डिंग और उससे जुड़े कार्यों की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद नाराज कमेटी ने बैठक को आधे घंटे में ही खत्म कर दिया। कमेटी के अध्यक्ष सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात कर स्थितियों से अवगत कराने की बात कही। कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को हर हाल में समय से पूरा करना है। अगली बैठक 15 दिन बाद सर्किट हाउस में प्रस्तावित है, जहां समीक्षा के साथ ही नए एयरपोर्ट के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी।
चकेरी एयरपोर्ट पर मंगलवार दोपहर ढाई बजे एडवाइजरी कमेटी की बैठक शुरू हुई। एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने नई टर्मिनल बिल्डिंग की प्रगति रिपोर्ट मांगी। इस पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएल) के प्रोजेक्ट मैनेजर पी अनुराग ने जानकारी देनी शुरू की। तय गाइडलाइन में काम पूरा होने के सवाल पर उनका कहना था कि चार माह से काम नहीं हो सका है इसलिए समय से काम पूरा होना असंभव है। इस पर अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अभी 43 फीसद काम भी पूरा नहीं हुआ है। इसी तरह कछुआ चाल चलते रहे तो अगले साल तक भी काम पूरा नहीं कर पाएंगे। टर्मिनल बिल्डिग को हाईवे से जोड़ने, आइएलएस के लिए अनुमति लेने, टर्मिनल बिल्डिग का स्टील ढांचा पूरा न हो पाने जैसे सभी कार्यो पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक है। बावजूद इसके काम में लापरवाही हो रही है। इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक आधे घंटे में ही समाप्त हो गई। एयरपोर्ट निदेशक बीके झा ने बताया कि प्रोजेक्ट को पूरा करने की अवधि 31 दिसंबर 2021 रखी गई है। समय से काम पूरा हो, इसके लिए काम तेज करने का सुझाव दिया गया है। बैठक में सांसद सत्यदेव पचौरी, प्रोजेक्ट इंचार्ज एम शिवराजू, सदस्य राजकुमार लोहिया, सुधींद्र जैन, विनीत गुप्ता व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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इन बिदुओं पर होनी थी समीक्षा
नई टर्मिनल बिल्डिग का निर्माण कार्य, यहां से हाईवे की कनेक्टिविटी पर सड़क निर्माण की वर्तमान स्थिति, आइएलएस के लिए जमीन अधिग्रहण, टर्मिनल बिल्डिग को 800 केवीए डेडीकेटेड पावर लाइन उपलब्ध कराने के लिए रक्षा मंत्रालय में लंबित प्रस्ताव, वायुसेना क्षेत्र में लिंक टैक्सी बनाने, एयरपोर्ट के रनवे क्षेत्र के पास स्थित टेनरियां बंद कराने, यात्रियों के आवागमन के लिए पुलिस और यातायात पुलिस की व्यवस्था, मवइया हवाई अड्डे की दीवार से 100 मीटर तक कोई निर्माण न होने जैसे बिदुओं पर समीक्षा होनी थी।
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