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    स्पीकर तोड़ा तो घोंट दिया मां का गला... दीवान में छिपाई लाश, ऐसे खुला हत्या का राज

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 10:01 AM (IST)

    रावतपुर थानाक्षेत्र के केशवनगर में हुई घटना। 17 साल के बेटे ने वारदात को दिया अंजाम। वारदात के बाद मां का शव दीवान में छिपाया। बाहर निकले आधे दुपट्टे से खुला राज 

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    मृतका उर्मिला राजपूत की फाइल फोटो और इसी दीवान में छिपाई गई लाश। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। रावतपुर थाना क्षेत्र में 17 साल के बेटे ने अपनी मां का उसके ही दुपट्टे से गला घोंट दिया। इसके बाद उसे उठाकर दीवान में छिपा दिया। आरोपित बेटे ने मां के तेज आवाज में स्पीकर बजाने से टोकने पर वारदात को अंजाम दिया। गले में कसा दुपट्टा आधा बाहर था। दावा है कि महिला की सांसें चलती देख पुलिस उसे रीजेंसी अस्पताल ले गई, हालांकि वहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। हत्या की सूचना पर एसीपी कल्याणपुर रंजीत कुमार के साथ सर्किल फोर्स और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। पुलिस आरोपित बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
    केशवनगर इलाके में रहने वाली 38 वर्षीय उर्मिला राजपूत के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा इंटर, जबकि छोटा हाईस्कूल का छात्र हैं। जानकारी के मुताबिक महिला के पहले पति की 14 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

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    महिला छह बहनें और दो भाई है

    महिला छह बहनें और दो भाई है, जिसमें से दो बहनों की मौत हो चुकी है। उनकी बड़ी बहन मसवानपुर में रहती हैं। 14 साल पहले पति की मौत के बाद दोनों बेटों के होते हुए दूसरी शादी कर ली थी, जिसके बाद से उनकी बहनों और भाई ने बोलचाल बंद कर दी थी। उनके दोनों बेटों को सात साल तक बड़ी बहन ने ही पाला था। महिला मुहल्ले के लोगों से भी ज्यादा बातचीत नहीं करती थी।

    महिला का छोटा बेटा स्कूल से घर लौटा तो मां नहीं मिली

    मंगलवार दोपहर महिला का छोटा बेटा स्कूल से घर लौटा तो मां को घर में न पाकर बड़े भाई से उनके बारे में पूछा। इस पर उसने बताया कि वह मसवानपुर ननिहाल गई है और कमरे की चाबी भी साथ ले गई हैं। मां की चप्पलें देख छोटे भाई ने मुहल्ले के लोगों की मदद से ताला तोड़ा और कमरे में गया, जहां दीवान से मां का दुपट्टा बाहर लटक रहा था। उसने दीवान खोला तो मां के गले में दुपट्टा कसा देखा। यह देखकर बड़ा बेटा भागा तो मुहल्ले वालों ने उसे दौड़ाकर पकड़ा और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपित बेटे से पूछताछ की तो उसने सच कबूल लिया।

     

     

     

    मां के मारने पर बड़े बेटे के हत्या करने की बात सामने आई है। पूछताछ में उसने हत्या करने की बात स्वीकारी है। स्वजन की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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    रंजीत कुमार, एसीपी कल्याणपुर

    स्पीकर पर सुन रहा था गाने

    उसने बताया कि मां बीपी की दवाई खाकर लेटी हुई थी और वह बर्तन धुल रहा था। बर्तन धोने के दौरान ही वह तेज आवाज में स्पीकर बजाकर गाने सुन रहा था। इसी दौरान मां गुस्से में आयी और स्पीकर उठाकर जमीन पर पटक दिया। उसे दो तमाचे भी जड़ दिए। आवेश में आकर उसने भी मां को पीटने के बाद धक्का दे दिया। इससे वह चेहरे बल जमीन पर गिर गई और उनकी नाक से खून आने लगा। इससे वह डर गया और दुपट्टे से मां का गला घोंट दिया। किसी को पता न चले, इसलिए शव को दीवान में छिपा दिया था।

    बड़ी बहन बोली दूसरे पति पर शक, बेटा निर्दोष

    मृतका की बड़ी बहन ने बताया कि उसने अपने दोनों भतीजों को बचपन से पाला है वह ऐसा कदम नहीं उठा सकता है। महिला का दूसरा पति मकान और खेत हड़पना चाहता था। उसका प्लान था कि सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा कर उसे बेचकर यहां से चला जाए। कई बार इसको लेकर विवाद भी हुआ था, जिसकी जानकारी दोनों बेटों ने उन्हें फोन पर भी दी थी। क्षेत्र में ही मृतका के तीन प्लाट भी हैं। पुलिस का कहना है की प्रापर्टी को लेकर भी जांच पड़ताल की जा रही है, जल्द ही घटना का राजफाश किया जाएगा।

    आखिर अकेला बेटा हत्याकर शव को दीवान में कैसे छिपा सकता है?

    मृतका की बड़ी बहन का कहना है कि उसकी छोटी बहन ठीकठाक कदकाठी की थी। उसका करीब 90 किलो वजन था। उनका भांजा करीब 16 साल का है आखिर वह अकेला उनकी हत्या करके शव को दीवान में कैसे छिपा सकता है।

    इंटरनेट मीडिया का अधिक प्रयोग बना रहा कम उम्र में हिसंक

    कम उम्र के बच्चों में मोबाइल और इंटरनेट मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण हिंसात्मक व्यवहार बढ़ रहा है। मोबाइल और इंटरनेट मीडिया के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में आक्रामकता, चिड़चिड़ापन और सामाजिक संपर्क में कमी जैसे नकारात्मक प्रभाव ज्यादातर मामलों में देखे जा रहे हैं। जो बच्चों को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर देता है। उस समय बच्चा यह सोच ही नहीं पता है कि वो क्या कर रहा है। रावतपुर में 16 वर्ष के युवा की ओर से मां की हत्या के पीछे भी हिंसक प्रवृत्ति मुख्य कारण हो सकती है।

    जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष प्रो. धनंजय चौधरी ने बताया कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम्स में अक्सर हिंसक सामग्री होती है, जो बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालती है।
    मोबाइल और इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से बच्चों का भावनात्मक विकास बाधित हो सकता है, जिससे वे चिड़चिड़े और आक्रामक हो जाते हैं। जो उनको सामाजिक दूरी कर खुद में जीने के लिए बाधित कर देता है। लंबे समय तक इस समस्या से ग्रसित बच्चों और युवा में अक्सर ऐसे मामले देखे जाते हैं। रावतपुर हुई घटना के पीछे यही कारण हो सकता है।