आधुनिक गैजेट्स व ई-बुक्स से आसान हुई मेडिकल की पढ़ाई
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला के मुताबिक गैजेट्स आदि का सही उपयोग काफी फायदेमंद रहता है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'पहले मेडिकल कालेजों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं मोटी-मोटी किताबों में उलझे रहते थे। अब अत्याधुनिक गैजेट्स एवं ई-बुक्स ने एमबीबीएस एवं एमडी की पढ़ाई आसान कर दी है। इसके जरिये देश-दुनिया में होने वाली आधुनिक सर्जरी व जनरल से अपडेट हो जाते हैं।' यह कहना है जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला का।
उनका कहना है कि चिकित्सा शिक्षा में ई-टीचिंग मील का पत्थर साबित हुई है। अब छात्र -छात्राएं ऑनलाइन उपलब्ध ई-बुक्स के जरिये ई-नोटबुक तैयार कर लेते हैं। इससे जटिल से जटिल डायग्राम स्पष्ट मिल जाता है। उन्हें उसे बनाने तथा समझने में आसानी होती है। उन्हें लेटेस्ट किताबें भी सुगमता से उपलब्ध होती हैं। टेलीमेडिसिन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश-दुनिया के बड़े संस्थानों के लेक्चरों का जीवंत (लाइव) प्रसारण दिखाकर अपग्रेड किया जाता है। साथ ही जटिलतम सर्जरी के 3डी और 4डी वीडियो दिखाए जाते हैं। उन्हें इन सर्जरी को हर एंगल से घुमाकर मानव शरीर के अंदर के अंगों से रू-ब-रू कराया जाता है। जिससे सर्जरी से पहले उनकी बारीकियों को बखूबी समझ सकें।
वहीं ऑनलाइन उपलब्ध ई-जनरल अंडर ग्रेजुएट (यूजी) एवं पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में सहायक साबित हो रहे हैं। इसके जरिये हमारे छात्र-छात्राएं दुनिया की आधुनिक टेक्नोलॉजी के बारे में जान रहे हैं। वर्तमान समय में देश के चुनिंदा संस्थानों में रोबोटिक्स सर्जरी शुरू हुई है। जबकि हमारे छात्र-छात्राएं उसके बारे में पहले से ही ऑनलाइन अवगत हो चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की कंपनी ने कालेज परिसर आकर उन्हें भी करा चुकी है।
कालेज में ई-लाइब्रेरी की जरूरत
मेडिकल कालेज की सेंट्रल लाइब्रेरी में अत्याधुनिक स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है। छात्रों के लिए कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा भी है। हालांकि लाइब्रेरी को अपग्रेड कर ई-लाइब्रेरी बनाने की जरूरत है। जिससे उनकी वर्चुवल टीचिंग शुरू हो सके।

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