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    झकरकटी में मेट्रो स्टेशन का काम शुरू, कानपुर सेंट्रल से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच चलेगी ट्रेन, कुमार केशव की मौजूदगी में हुआ शुभारंभ

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Fri, 10 Jun 2022 03:35 PM (IST)

    कानपुर में मेट्रो के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को कानपुर सेंट्रल से झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर के रूट पर मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव की उपस्थिति में शुभारंभ किया गया।

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    कुमार केशव ने मेट्रो स्टेशन के भूमि का पूजन किया और डी वॉल के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में कॉरिडोर 1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर सेंट्रल और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच करीब 3 किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन  का निर्माण कार्य शुरू हो गया। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक  कुमार केशव की उपस्थिति में झकरकटी  मेट्रो स्टेशन से निर्माण कार्य का शुभारंभ किया  गया। इसकी  शुरुआत झकरकटी मेट्रो स्टेशन की डी वॉल के निर्माण कार्य के साथ किया गया। इससे पहले श्री कुमार केशव ने मेट्रो स्टेशन के भूमि का पूजन किया और डी वॉल के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।  बता दें कि पहले कॉरिडोर के अंतर्गत चुन्नीगंज से नयागंज के बीच लगभग 4 किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन का निर्माण कार्य पहले से ही जारी है।

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    कुमार केशव ने कहा कि शहर में मेट्रो का काम बहुत तेजी से चल है। प्रोजेक्ट पूरा होने का समय 2025 है लेकिन हमारी कोशिस है कि इसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए और लोगों के लिए मेट्रो चलने लगे। अच्छी बात यह है कि आगामी दिनों में होने वाली बारिश में भी काम प्रभावित नहीं होगा। कानपूर सेन्ट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन के लिए करीब 1100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। फेस वन में चल रही मेट्रो में यात्रिओं की कमी पर उन्होंने कहा कि जैसे जैसे मेट्रो की कनेक्टिविटी बढ़ती जाएगी लोग मेट्रो में सफर करना शुरू कर देंगे। आने वाले दिनों में मेट्रो की अच्छी कनेक्टिविटी होने से लोगों में जागरूकता भी बढ़ेगी। एक व्यक्ति को बाइक से चलने में जितना जितना ईंधन लगता है उतने में मेट्रो से पांच लोग यात्रा कर सकते हैं। यही स्थिति कार की भी है। कार के ईंधन में जितना खर्च होता है उतने में 10 लोग मेट्रो से यात्रा कर सकते हैं। इसलिए आने वाले समय में मेट्रो सबसे ज्यादा सरल और लाभकारी है। 

    6 मीटर चौड़ाई, 1 मीटर मोटाई और 19 मीटर गहराई वाला है डी वॉल

    मेट्रो के अधिकारिओं ने बताया कि डी -वॉल को मेट्रो स्टेशन की बाउंड्री के रूप में समझा जा सकता है। छोटे-छोटे आयताकार पैनल्स के साथ डी-वॉल तैयार की गई है । झकरकटी मेट्रो स्टेशन में डी-वॉल के एक पैनल की चौड़ाई लगभग 6 मीटर और मोटाई लगभग 1 मीटर है । झकरकटी मेट्रो स्टेशन की डी-वॉल तैयार करने में ऐसे लगभग 66 पैनल्स लगाए जाएँगे। यह वॉल लगभग 19 मीटर गहराई तक मौजूद रहेगी।

    बता दें कि लगभग 3 किमी. लंबे उक्त भूमिगत सेक्शन में तीन मेट्रो स्टेशन बनने हैं। जिसमे कानपुर सेंट्रल 225 मीटर X 24 मीटर, झकरकटी 158 मीटर X 23 मीटर और ट्रांसपोर्ट नगर 215 मीटर  X 21 मीटर का होगा। वहीं कानपुर मेट्रो के भूमिगत स्टेशन ‘टॉप-डाउन प्रणाली' से तैयार होंगे यानी निर्माण कार्य ऊपर से नीचे की ओर होंगे। स्टेशनों की छत की ढलाई होने के बाद, कॉनकोर्स लेवल और फिर प्लैटफ़ॉर्म लेवल का निर्माण होगा। निर्माणाधीन स्टेशन पर चल रहे काम से ट्रैफ़िक कम से कम प्रभावित हो, इसलिए यह प्रणाली अपनाई जा रही है क्योंकि रोड लेवल से शुरू करते हुए पहले तल का निर्माण होने के बाद, सड़क पर लगी बैरिकेडिंग को कम कर दिया जाएगा। सड़क के नीचे स्टेशन का निर्माण कार्य चलता रहेगा और सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी सुचारू रूप से जारी रहेगी।