माय सिटी माय प्राइडः एक कदम जो जरूरतमंदों का सहारा बन गया
राणी सती दादी परिवार मंगल समिति जुटी है गरीबों की सेवाभाव में, वार्षिक महोत्सव में जुटाए जाते हैं गरीब कन्या की शादी के लिए उपहार
जागरण संवाददाता, कानपुर: सेवाभाव मन में है तो इसे किसी भी तरह से किया जा सकता है। शहर में ऐसी ही एक संस्था है जो वार्षिक महोत्सव में भी गरीब कन्याओं के विवाह के लिए उपहार जुटाने का माध्यम बनती है। संस्था का धर्मार्थ औषधालय प्रतिवर्ष हजारों गरीबों का नि:शुल्क इलाज करता है। हम बात कर रहे हैं श्री राणी सती दादी परिवार मंगल समिति की।
वर्ष 1999 में सत्यनारायण तुलस्यान, गोपाल केडिया, हरिकृष्ण चौधरी, राजकुमार अग्रवाल, श्रीनाथ जालान, पंकज बंका और अखिल खेतान ने दादी राणी सती के प्रचार प्रसार के लिए समिति की स्थापना की थी। समिति ने गरीबों की मदद के लिए भी कदम बढ़ाया जो जरूरतमंदों का सहारा बन गया।
बिरहाना रोड स्थित नील वाली गली में धर्मार्थ औषधालय खोला गया जहां होम्योपैथिक और एलोपैथिक के डॉक्टर महज दो रुपये में हजारों गरीबों को उपचार उपलब्ध करा रहे हैं। प्रतिवर्ष समिति स्वास्थ्य शिविर भी लगाती है। प्रतिवर्ष इसका स्वरूप बदल जाता है। 2005 और 2009 में एल्मिको की मदद से 400 से ज्यादा दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल और जरूरत के उपकरण उपलब्ध कराए गए थे तो वहीं 2011 में आंखों की समस्या के उपचार के लिए शिविर लगाया गया था।
इसमें मोतियाबिंद और आंखों की अन्य समस्याओं से ग्रसित 119 पीडि़तों के ऑपरेशन किए गए थे। संस्थापक सदस्य श्रीनाथ जालान बताते हैं कि साल भर पीडि़तों का रजिस्ट्रेशन करते हैं इसके आधार पर ही चिकित्सा शिविर तय होता है।
समिति अब तक 12 सौ से ज्यादा दिव्यांगों को उनकी जरूरत के उपकरण उपलब्ध करा चुकी है। 400 से ज्यादा आंखों के सफल ऑपरेशन कराए गए हैं। इसके अलावा 700 यूनिट ब्लड मेडिकल कालेज को समिति की ओर से दिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष नानाराव पार्क में दादी का मंगल पाठ होता है जो महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस महोत्सव में गरीब कन्याओं के विवाह के लिए उपहार एकत्रित किए जाते हैं। समिति गरीब कन्याओं के विवाह के साथ तकरीबन 250 गरीब बच्चों की फीस भी भरती है।
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