Diwali Special: जानें- पूजन का विशेष मुहुर्त, लक्ष्मीजी के दस मंत्र व भोग, इन आठ जगह पर न भूलें दीप रखना
सुख-समृद्धि लाने वाला दीपावली पर्व को लेकर शहर में खासा उत्साह है शाम को शुभ मुहुर्त में घर-घर विघ्नहर्ता गणेश और माता लक्ष्मी व कुबेर का विशेष पूजन किया जाएगा वहीं काली मंदिरों में भी पूजन की खास तैयारी की गई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। सुख-समृद्धि और संपन्नता का महापर्व दीपोत्सव पर गुरुवार को घर-घर विशेष योग में छटा बिखरेगी। दीपावली पर्व को लेकर उत्साहित शहरवासियों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं और पूरा शहर सज-धज गया है। घर-घर माता लक्ष्मी का स्वागत व पूजन के लिए तैयारी हैं, शाम को सतरंगी गगन के नीचे सजी वसुंधरा का मनोहारी दृश्य मंत्रमुग्ध करेगा। घरों में माता लक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता गणपति महाराज और कुबेर का पूजन विधि-विधान से किया जाएगा। काली मंदिरों में दीपोत्सव पर माता काली का विशेष पूजन अर्चन होगा।
विशेष योग में मनाया जाएगा दीपोत्सव
पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश के मुताबिक गुरुवार को सुबह 7.43 तक चित्रा नक्षत्र है। इसके बाद स्वाति नक्षत्र रहेगा। प्रीति योग सुबह 11.10 मिनट तक रहेगा इसके बाद आयुष्मान योग लगेगा। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव पर पहला दीप मुहूर्त प्रदोष का है। जो संध्याकाल में 5.15 से 7.40 तक रहेगा। इसी कालखंड में वृष स्थिर लग्न है। जो सांयकाल 5.52 से 7.49 तक रहेगा। इसलिए पहला मुहूर्त सायंकाल 5.52 से 7.40 के बीच में रहेगा। महानिशीथ काल का पूजन रात्रि 11.19 से 12.11 तक रहेगा। चौघडिय़ा मुहूर्त के आधार से संध्याकाल 5.15 से 8.29 तक अमृतचर चौघडिय़ा बेला है। रात्रि 11.43 से 1.20 तक चौघडिय़ा बेला है। इस कालखंड में दीपोत्सव मुहूर्त है।
माता लक्ष्मीजी के पूजन के दस मंत्र : दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि पूजन के समय दस मंत्रों का जाप करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर जीवन को सुख-समृद्धि से पूर्ण करती हैं।
1-एकाक्षरी मंत्र 'श्रीं', इसका जप करके 1008 माला घी से हवन अथवा 51 माला रात्रि में जप करके हवन करें।
2-ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्ह नम: महालक्ष्म्यै
3-ॐ श्रीं च विद्महे अष्ट ह्रीं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी-विष्णु प्रचोद्यात।
4-ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नम:।
5-ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:
6-ॐ ऐं क्लीं सौ:
7-ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं लक्ष्मी ममगृहे धनं पूरय चिन्ताम् दूरय स्वाहा।
8-ॐ ऐं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
9-ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
10-'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम: धरणेंद्र पद्मावती सहिते हूं श्री नम:
माता लक्ष्मी का खास भोग : पीले और सफेद रंग की मिठाई। किशमिश, चारोली, मखाने और काजू मिश्रित चावल की खीर। शुद्ध घी का हलुआ। गन्ना, सिघाड़ा, मखाना, सफेद चीनी के बताशे, नारियल, पान पत्ता, अनार।
यहं भी कर सकते अर्पित : 16 तरह की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू, पुलहरा, चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं भी अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग भी लगाते हैं। एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी को भोग लगाने से घर में शांति और समृद्धि रहती है।
खास पूजन सामग्री : धूप बत्ती (अगरबत्ती), चंदन, कपूर, केसर, पांच यज्ञोपवीत (जनेऊ), कुमकुम, अबीर व गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सौभाग्य द्रव्य में मेहंदी, चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी आदि आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पुष्पमाला, कमलगट्टे, धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शकर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, गन्ना सीताफल सिंघाड़े आदि, नैवेद्य या मिष्ठान्न, इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र, तुलसी दल, पंच पल्लव में बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते, औषधि में जटामॉसी व शिलाजीत आदि, चांदी का सिक्का, वस्त्र, जल कलश, सफेद व लाल कपड़ा, पंच रत्न सामर्थ्य अनुसार, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, ताम्बूल लौंग लगा पान, श्रीफल, लेखनी, बही-खाता, स्याही की दवात, तुला, पुष्प गुलाब एवं लाल कमल, एक नई थैली में हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया व दूर्वा आदि, अर्घ्य पात्र।
इन 8 स्थानों पर दीपक रखना न भूलें
1- घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाना चाहिए क्योंकि माता लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करती हैं और इसे फूलों से अच्छी तरह सजाना चाहिए।
2- भंडार गृह में दीपक जरूर जलाएं, इससे मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में अन्न की कभी कमी नहीं रहती है।
3- घर की तिजोरी या धन रखे वाले स्थान पर दीपक जरूर रखें।
4- वाहन के पास भी सुरक्षित स्थान पर एक दीपक जरूर जलाएं। इससे दुर्घटना आदि से रक्षा होती है।
5- घर में हैंडपंप, कुआं या अन्य पानी के स्रोत के पास पूजने के बाद दीपक जरूर रखें।
6- घर के पास यदि मंदिर है तो एक दीपक जरूर रखें और मंदिर नहीं है तो घर के पूजाघर में रखें।
7-पीपल के वृक्ष के पास दीपक जरूर रखें। पीपल में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है और उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
8-एक दीपक घर के आंगन में तुलसी के पास रखना चाहिए।
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