दाल, सब्जी और चीनी में भी मिलावट, इस तरह कर सकते हैं शुद्धता की पहचान
रोजमर्रा खाने की वस्तुओं में मिलावट करके मुनाफा कमा रहे कारोबारी। खाद्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों के लिये गए नमूनों में कई हुए फेल।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। डायनिंग टेबल पर आप परिवार के साथ भोजन कर रहे हैं तो भोजन कितना पौष्टिक है, इसकी चिंता भी कीजिए। कहीं ऐसा तो नहीं कटोरी में दाल रंगी हुई हो। जिसे देशी घी समझकर रोटी में लगा रहे हैं, उसमे वनस्पति की मिलावट हो। जाहिर है मन में यह ख्याल आते ही आप परिवार के प्रति फिक्रमंद हो जाएंगे। हम आपको यह बताकर डरा नहीं रहे बल्कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के बढ़ते दंश से बचाने के प्रयास के साथ असली पहचान करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
दुकानों से संकलित नमूने फेल होने से बढ़ी चिंता
आपको पौष्टिक और शुद्ध वस्तु प्राप्त हो इसके लिए खाद्य विभाग के अधिकारी निरीक्षण और छापेमारी कर नमूने संकलित करते रहते हैं। इसमे कई ऐसे नमूने भी सामने आए जो रोजमर्रा प्रयोग होने वाली वस्तुओं के थे। इनमे कई नमूने फेल हुए तो कुछ मानव जीवन के लिए असुरक्षित तक पाए गए। इसमे रिफाइंड, सब्जी में प्रयोग होने वाले मसाले, दालें, हरी सब्जियां और फल तक शामिल हैं।
खाद्य विभाग के आंकड़ों में चार नमूने दाल के मिलावटी पाए गए, 15 सब्जियों व फल के नमूने घातक केमिकल युक्त मिले, नौ नमूने सब्जी मसाले के मिलावटी मिले, आठ नमूने सब्जी मसाले के थे, जिनमें की गई मिलावट मानव के लिए घातक थी, पांच नमूने एडबिल ऑयल के मिलावटी मिले, तीन नमूने मस्टर्ड ऑयल के घटिया पाए गए। इससे साफ है मुनाफाखोर बाजार पर हावी हैं और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से परहेज नहीं कर रहे। इसलिए जो खाद्य पदार्थ आप प्रयोग कर रहे हैं उसकी गुणवत्ता व शुद्धता परखने की जिम्मेदारी आप पर भी है।
इस तरह करें पहचान
दुकानों से संकलित नमूने फेल होने से बढ़ी चिंता
आपको पौष्टिक और शुद्ध वस्तु प्राप्त हो इसके लिए खाद्य विभाग के अधिकारी निरीक्षण और छापेमारी कर नमूने संकलित करते रहते हैं। इसमे कई ऐसे नमूने भी सामने आए जो रोजमर्रा प्रयोग होने वाली वस्तुओं के थे। इनमे कई नमूने फेल हुए तो कुछ मानव जीवन के लिए असुरक्षित तक पाए गए। इसमे रिफाइंड, सब्जी में प्रयोग होने वाले मसाले, दालें, हरी सब्जियां और फल तक शामिल हैं।
खाद्य विभाग के आंकड़ों में चार नमूने दाल के मिलावटी पाए गए, 15 सब्जियों व फल के नमूने घातक केमिकल युक्त मिले, नौ नमूने सब्जी मसाले के मिलावटी मिले, आठ नमूने सब्जी मसाले के थे, जिनमें की गई मिलावट मानव के लिए घातक थी, पांच नमूने एडबिल ऑयल के मिलावटी मिले, तीन नमूने मस्टर्ड ऑयल के घटिया पाए गए। इससे साफ है मुनाफाखोर बाजार पर हावी हैं और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से परहेज नहीं कर रहे। इसलिए जो खाद्य पदार्थ आप प्रयोग कर रहे हैं उसकी गुणवत्ता व शुद्धता परखने की जिम्मेदारी आप पर भी है।
इस तरह करें पहचान
- देशी घी में वनस्पति या स्टार्च की मिलावट हो सकती है। वनस्पति की पहचान के लिए एक कप में एक चम्मच घी लें और उसमें एक चम्मच हाइड्रो क्लोरिक अम्ल मिलाएं। रंग लाल हो जाए तो घी मिलावटी है।
- स्टार्च की जांच के लिए घी में आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। रंग नीला हो जाए तो मिलावट है।
- दाल में रंग की पहचान के लिए एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी डालें। कुछ बूंदें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मिलाएं। गुलाबी रंग आने पर लेड क्रोमेट और गहरा लाल रंग आने पर मेटानिल रंग की मिलावट होगी।
- शक्कर में चॉक पाउडर व यूरिया की मिलावट हो सकती है। इसके लिए दो चम्मच शक्कर को एक कप पानी में डालकर गर्म करने पर चॉक पाउडर हुआ तो तली में दिखाई देगा। शक्कर पानी में मिलाने पर अमोनिया जैसी बदबू आए तो इसमें यूरिया की मिलावट की गई है।
- हल्दी में मिलावट की पहचान के लिए पांच बूंद पानी और पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिकएसिड मिलाएं। रंग बैगनी या गुलाबी आए तो समझिए मिलावट है।
- हींग में मिलावट पहचानने के लिए एक चम्मच में हींग रखकर गर्म कीजिए। शुद्ध हींग कपूर की तरह जल उठेगी। मिलावटी हींग से लपटें नहीं उठेंगी।
- शहद परखने के लिए रुई की एक बत्ती शहद में पूरी तरह गीली कर लीजिए। उसे जलाने पर शुद्ध शहद जलने लगेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।