यूपी के इस जिले में बनेगा इकोनामिक कॉरिडोर, नीति आयोग से मिली मंजूरी, तैयार हो रहा रैपिड रेल परियोजना का DPR
नए साल तक कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे चालू होने जा रहा है और इसी के साथ दोनों शहरों के बीच इकोनामिक कारिडोर को नीति आयोग की स्वीकृति मिल गई है। प्र ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। नए साल में मार्च तक कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे की शुरुआत होने जा रही है। इसके साथ ही अब दोनों शहरों के बीच प्रस्तावित इकोनामिक कारिडोर को भी नीति आयोग की हरी झंडी मिल गई है। मंडलायुक्त के .विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि प्रदेश में दो इकोनामिक कारिडोर कानपुर-लखनऊ और प्रयागराज-वाराणसी के निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है। यह फैसला केवल सड़कों और परियोजनाओं का नहीं, बल्कि रोजगार, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे कारिडोर के आसपास के क्षेत्रों को मैन्युफैक्चरिंग, लाजिस्टिक्स और टेक्नोलाजी आधारित क्लस्टर्स के रूप में विकसित किया जाएगा। भविष्य में यहां अत्याधुनिक आइटी पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसइजेड) और औद्योगिक नोड्स स्थापित होंगे।
मंडलायुक्त ने क्या बताया?
मंडलायुक्त ने बताया कि लखनऊ को उत्तर भारत के प्रमुख स्टार्टअप डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही कानपुर-लखनऊ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल (आरआरटीएस) परियोजना को अक्टूबर 2025 में मंजूरी मिल चुकी है।
इसका लक्ष्य दोनों शहरों के बीच यात्रा समय को घटाकर 40 से 45 मिनट करना है। लगभग 67 से 75 किलोमीटर लंबे इस कारिडोर की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और इसे दोनों शहरों के मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार की हरी झंडी के बाद अब एनसीआरटीसी डीपीआर तैयार कर रहा है, जिसके 2030-31 तक चालू होने की संभावना है। मार्च 2026 तक एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ हो जाएगा, जिससे आवागमन और सुलभ हो जाएगा।
लखनऊ-कानपुर के बीच इकोनामिक कारिडोर के लिए नीति आयोग ने सहमति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही दोनों शहरों के बीच रैपिड रेल सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय की संस्था राइट्स डीपीआर बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। इन परियोजनाओं से लखनऊ-कानपुर दोनों प्रदेश के विकास धुरी बनेंगे। -के.विजयेन्द्र पांडियन, मंडलायुक्त

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