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    यूपी में 112 KM लंबे एलीवेटेड हाईवे का निर्माण जल्द, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा; मुंबई तक सफर होगा आसान

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 06:21 PM (IST)

    कानपुर-महोबा-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे बुंदेलखंड क्षेत्र को नई गति देगा। 112 किमी लंबा यह एलीवेटेड हाईवे महोबा, घाटमपुर और हमीरपुर में रैंप के साथ बनेगा। यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे दिल्ली का रूट सीधा जुड़ेगा। इस परियोजना पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह कानपुर-सागर मार्ग पर यातायात का दबाव कम करेगा।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। बुंदेलखंड क्षेत्र को नई रफ्तार देने वाला कानपुर–महोबा–कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे अब अपने अगले चरण में पहुंच चुका है। हाईवे का डिजाइन अंतिम स्वीकृति के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया गया है। 112 किमी लंबा यह हाईवे पूरे मार्ग में एलीवेटेड रूप में बनाया जाएगा।

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    निर्माण के दौरान महोबा, घाटमपुर और हमीरपुर में चढ़ने–उतरने के लिए विशेष रैंप तैयार किए जाएंगे, ताकि आसपास के कस्बों व गांवों का संपर्क निर्बाध रूप से बना रहे। इसके साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से इसे लिंक किया जाएगा, ताकि दिल्ली का रूट भी इससे सीधे जुड़ जाएगा। हालांकि यह हाईवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लगभग 60 मीटर ऊपर से निकाला जाएगा।

    कानपुर-कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण के चिन्हांकन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और डिजाइन स्वीकृति मिलते ही निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

    राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) इस हाईवे का निर्माण करेगा। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग चार हजार करोड़ रुपये के बजट खर्च करने जा रही है। हाईवे के लिए तीन जिलों के 93 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। जिसमें कानपुर नगर व देहात के 49, हमीरपुर के 35 और महोबा–कबरई के 09 गांव चिन्हित कर लिए गए हैं।

    ग्रीन फील्ड हाईवे का मार्ग कानपुर, देहात, हमीरपुर और महोबा से होते हुए छतरपुर-भोपाल-मुंबई के आर्थिक कारिडोर से जुड़ जाएगा। मौजूदा समय में नौबस्ता–हमीरपुर टू लेन मार्ग पर भारी ट्रैफिक लोड के कारण आए दिन जाम की स्थिति बनती है और सड़क हादसों की संख्या भी सबसे अधिक इसी मार्ग पर दर्ज होती है। नए हाईवे के बन जाने से कानपुर–सागर मार्ग पर यातायात का दबाव घटेगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है। हाईवे का लिंक रमईपुर में रिंग रोड के पास मगरासा क्षेत्र से जोड़ा जाएगा।

    अलाइमेंट में बदलाव, फतेहपुर से नहीं गुजरेगा हाईवे

    ग्रीन फील्ड हाईवे के प्रारंभिक प्रस्ताव में चार जिलों कानपुर, हमीरपुर, महोबा और फतेहपुर की सीमाओं को शामिल किया गया था, लेकिन अंतिम स्वीकृत अलाइमेंट में फतेहपुर को बाहर कर दिया गया। अब यह हाईवे कानपुर–सागर हाईवे की दायीं दिशा में बनाया जाएगा, जिससे मार्ग केवल कानपुर नगर, हमीरपुर और महोबा जिलों से ही होकर गुजरेगा।

    1139 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा

    112 किमी लंबे इस हाईवे के लिए कुल 1139 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है-

    • हमीरपुर : 35 गांव 500 हेक्टेयर
    • कानपुर नगर/देहात : 49 गांव 387 हेक्टेयर
    • महोबा : 9 गांव 252 हेक्टेयर
    • तहसीलवार संख्या इस प्रकार है—
    • कानपुर सदर : 18
    • कानपुर घाटमपुर : 31
    • हमीरपुर सदर : 19
    • हमीरपुर मौदहा : 16
    • महोबा सदर : 09

    क्या होता है ग्रीन फील्ड हाईवे?

    ग्रीन फील्ड हाईवे वह मार्ग होते हैं, जिन्हें बिल्कुल नए ट्रैक पर, कम आबादी और ग्रामीण इलाकों से जोड़ते हुए विकसित किया जाता है। इनका उद्देश्य घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में यातायात दबाव को कम करके नए क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं खोलना होता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तर्ज पर बनने जा रहा कानपुर–कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे भी इसी सोच का हिस्सा है।

    केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में कानपुर–सागर नेशनल हाइवे के समानांतर महोबा के कबरई तक नया हाईवे तैयार करने का निर्णय लिया था। चार साल बाद अब यह सपना साकार होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    कानपुर–कबरई ग्रीन फील्ड हाईवे एलीवेटेड होगा। इसे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा, हालांकि यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के ऊपर से निकलेगा। हाईवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तीन जिलों में चल रही हैं। बुंदेलखंड को औद्योगिक एवं कनेक्टिविटी के नए युग में ले जाने वाली यह परियोजना अगले कुछ वर्षों में क्षेत्रीय विकास का नया आधार बनने जा रही है। इसी वित्तीय वर्ष में टेंडर प्रक्रिया को फाइनल कर दिया जाएगा।
    पंकज यादव, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ