Kanpur Zoo Reopen: 56 दिनों बाद खुला कानपुर चिड़ियाघर, शेर दहाड़ा तो भालू बाड़े में काटने लगा चक्कर
कानपुर चिड़ियाघर 56 दिनों बाद फिर से पर्यटकों के लिए खुल गया है। बर्ड फ्लू की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद चिड़ियाघर को खोला गया। लंबे समय बाद लोगों को देखकर वन्यजीवों के व्यवहार में थोड़ा बदलाव आया। पहले दिन 693 पर्यटक आए और बच्चों में वन्यजीवों को देखने का उत्साह था। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि सभी वन्यजीव स्वस्थ हैं।

जागरण संवाददाता,कानपुर। अपने बाड़े के पास लोगों की भीड़ देख शेर ने चेतावनी के अंदाज में दहाड़ लगाई। भालू भी बाड़े में इधर-धर चक्कर काटने लगा। करीब 56 दिनों के बाद मंगलवार को पर्यटकों को चिड़ियाघर में प्रवेश दिया गया तो शुतुरमुर्ग, तेदुएं, बाघ सहित अन्य वन्यजीवों का व्यवहार भी थोड़ा अलग दिखाई दिया।
इससे पहले वे लगभग दो माह से शोर-शराबा से दूर एकांत में समय गुजार रहे थे। चिड़ियाघर के वन्यजीव चिकित्सकों का कहना है कि यह सामान्य बात है। एक दो दिन में वे पर्यटकों की भीड़ देखने के अभ्यस्त हो जाएंगे। इससे उनके स्वास्थ्य पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने के कारण इसे रेड जोन घोषित कर 13 मई को बंद कर दिया गया था। गोरखपुर चिड़ियाघर से इलाज के लिए भेजे गए शेर पटौदी के जरिये यहां संक्रमण फैला था। पटौदी के बाद एक मोर में भी बर्ड फ्लू संक्रमण पाया गया था। दोनों की मौत होने के बाद यहां सतर्कता बढ़ा दी गई। हालांकि कई चरणों में हुई जांच के बाद अन्य वन्यजीवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि न होने के बाद चिड़ियाघर को मंगलवार को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
चिड़ियाघर के वन्यजीव चिकित्सक डा.नितेश कटियार कहते हैं कि चिड़ियाघर बंद रहने से पर्यटकों का आवागमन रुका रहा। इसका असर जानवरों के स्वभाव पर पड़ा। चिड़ियाघर बंद रहने की अवधि में वे काफी शांत रहे। अब चिड़ियाघर खुल गया है तो भीड़ देखकर उनके व्यवहार में थोड़ा बदलाव आएगा, लेकिन यह सामान्य बात है। कुछ समय में वे इस माहौल के अभ्यस्त हो जाएंगे।
वहीं, दूसरी ओर चिड़ियाघर के निदेशक कन्हैया पटेल ने प्रथम 10 पर्यटकों को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी उपस्थित रहे। पहला दिन होने के वजह से पर्यटकों की संख्या अधिक नहीं रही। पहले दिन 693 पर्यटक ही पहुंचे। आने वाली दिनों में इनकी संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। सामान्य दिनों में चिड़ियाघर में औसत 1200 से 1400 के बीच पर्यटक आते हैं।
वन्यजीवों को देख चहक उठे बच्चे
अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर पहुंची तीन वर्ष की जाह्नवी की खुशी का ठिकाना नहीं था। वह पहली बार चिडियाघर आई थी, यहां हवासील को वह अचरज देखती रही, बंदरों की उछल कूद देख वह ताली बजाने लगी। सिर्फ जाह्नवी ही नहीं चिड़ियाघर में वन्यजीवों को देखकर यहां आने सभी बच्चे चहक रहे थे। वे बाड़ों के बाहर खडे़ होकर वन्यजीवों को अपने पास बुला रहे थे। अपने अभिभावकों से वन्यजीवों की के विषय में सवाल भी कर रहे थे।
चिड़ियाघर खुलने की जानकारी होने पर यशोदानगर निवासी प्रदीप कुमार अपने परिवार के सदस्यों रविंद्र, शुभम, भारती, पिंकी व प्रतिभा के साथ घूमने के लिए आए। उन्होंने बताया कि बच्चे कई दिनों से जिद कर रहे थे। जैसे ही चिड़ियाघर खुला वे परिवार के साथ यहां आ गए। उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में सबसे अधिक बच्चों को खुशी हो रही है। अयोध्या से अपनी पत्नी रितु देवी, बच्चों शिवाय व शिवांशी के साथ चिड़ियाघर आए बैजनाथ शर्मा बच्चों को उत्साहित देख खुश हो रहे थे। उनके बच्चे कह रहे थे मां वो देखो तेंदुआ पास आ रहा है, पिता जी भालू चक्कर काट रहा है।
यहां आने वाले पर्यटकों ने कहना था कि काफी लंबी प्रतीक्षा के बाद चिड़ियाघर में घूमने का अवसर मिला है।चिड़ियाघर के निदेशक डा.कन्हैया पटेल ने बताया कि चिड़ियाघर में सभी वन्यजीव स्वस्थ है। चिड़ियाघर में वन्यजीवों के सभी नमूनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। प्रधान मुख्य संरक्षक वन्यजीव की अनुमति के बाद चिड़ियाघर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। चिड़ियाघर आने वाले पर्यटकों के लिए किसी तरह का पाबंदी नहीं है।
अपने परिवार के साथ मंधना से चिड़ियाघर घूमने आए है। चिड़ियाघर खुलने का काफी समय से इंतजार कर रहे थे। वन्यजीवों के देखकर बेटी काफी खुश है।
-विकास चौबे
चिड़ियाघर की सैर करने परिवार के साथ जालौन से आए हैं। बेटा युवराज यहां आकार काफी उत्साहित है।
-रवि शर्मा
अपनी बेटी अलकशा व बीवी के साथ प्रयागराज से आए हैं। चिड़ियाघर खुलने की जानकारी मिली तो परिवार के साथ घूमने आ गए। यहां काफी अच्छा लगा।
-गुड्डू
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