मम्मी ने चाय में कुछ मिलाकर पिलाया...बच्चों को नशीला पदार्थ पिलाकर सुलाया; फिर ऐसे रची पति को मारने की साजिश
कानपुर में एक महिला ने अपने भांजे के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। उसने पहले बच्चों को नशीली चाय दी थी पर बड़े बेटे ने चाय नहीं पी और उसने घटना देखी। मृतक की बहन को सपने में हत्या का आभास हुआ था। पुलिस जांच में पत्नी ने अपराध कबूल किया और शव बरामद हुआ जिसकी पहचान लॉकेट से हुई।

जागरण संवाददाता, कानपुर । भांजे के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली पत्नी ने पहले अपने बच्चों को चाय के साथ नशीला पदार्थ दिया था,जिससे वह सो जाएं, लेकिन बड़े बेटे ने चाय नहीं पी। वह सबको सुलाकर घटना को अंजाम देना चाहती थी, लेकिन बड़े बेटे को चाय में स्वाद न मिलने पर उसने नहीं पी और सो गया, जबकि पुलिस का कहना है कि बच्चे ने घटना होते देखी थी, लेकिन उसकी मां ने उसे समझा दिया था।
बडे बेटे ने जानकारी दी कि उस शाम को मम्मी ने चाय में कुछ मिलाकर दिया था। एक घूंट ही पी पाए थे कि स्वाद खराब होने पर मम्मी को पीने को दे दी, लेकिन उन्होंने पीने की बजाए उसे फेंक दिया था। रात में सो गए। सुबह उठने पर पापा नहीं मिले तो मम्मी से पूछा। उन्होंने बताया कि वह नौकरी पर चले गए हैं। इसके बाद वह भी पांच नवंबर को राजस्थान में नौकरी करने चला गया था, जहां से फोन कर मम्मी से पापा का मोबाइल नंबर न मिलने की जानकारी दी।
बहन को सपने में क्या दिखा?
इस पर उसने बताया कि उनका नंबर बदल गया है। एक-दो बार ही उनसे बात हुई है। तब से नहीं हो रहीउनका मोबाइल नंबर नया होने से नंबर याद भी नहीं रहता है। वहीं, दिवंगत की बहन कांति ने बताया कि उन्हें करीब डेढ़ माह पहले सपना आया कि भाई को मारा गया है। इस पर उन्होंने लक्ष्मी से पुलिस के पास जाने को कहा, लेकिन उसने एक न सुनी।
तब उसने मां से कहा और पुलिस से शिकायत की। 19 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज हो सकी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और लक्ष्मी को अब पुलिस पकड़कर ले गई, जहां उसने भाई की हत्या की बात कबूली।
बच्चे ने देख ली थी घटना, धमकाकर बंद कराया मुंह
वहीं, पुलिस ने यह भी दावा कि लक्ष्मी के हत्या करने के दौरान बच्चे ने घटना देख ली थी, लेकिन बाद में उसे डरा धमकाकर उसका मुंह बंद करा दिया था।पुलिस द्वारा हत्या के पर्दाफाश के बाद मौके पर खोदाई की गई तो वहां पर शिवबीर के शव के अवशेष मिले। घरवालों ने लाकेट से पहचान की।
पुलिस ने लक्ष्मी से पूछताछ करने के बाद जहां शव दफनाया था, वह देवपाल और हरिपाल का बाग था, जो शिवबीर के घर से करीब 500 मीटर आगे स्थित है।दिवंगत के बेटे ने बताया कि खाेदाई करने पर कुछ बाल, कड़ा, माला व उसमें लाकेट, कपड़े व अन्य अवशेष मिले। लाकेट पापा का था। उसी से पहचान हुई है, लेकिन पुलिस ने वहां पर किसी को कुछ बताने से मना कर दिया।
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