Kanpur Rain Alert: कानपुर में मूसलाधार बारिश, जानें आगामी दिनों कैसा रहेगा मौसम
बीते दो दिन बाद सावन के पहले सोमवार को कानपुर में बारिश की झड़ी लग गई। दिन भर बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। शाम होते ही काले घने बादलों ने शहर को घेर लिया। शाम सात बजे के बाद तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से एक बार फिर शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। सावन (Sawan) के पहले सोमवार को मानसून ने निराश नहीं किया। देर शाम शहर भर में झमाझम बारिश हुई। दिन भर उतार चढ़ाव के बाद शाम को भारी बारिश हुई। वहीं, उन्नाव, फर्रुखाबाद, हमीरपुर में भी बारिश हो रही है। इधर, गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है।
मानसून वर्षा का नया दौर सोमवार को ही शहर में दस्तक दे गया। हवा के झोंको के साथ आए बादलों ने देर शाम को झमाझम वर्षा की शुरुआत कर दी। लगभग एक घंटे तक हुई तेज वर्षा के दौरान चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद़्योगिकी विश्वविद़यालय के मौसम केंद्र में 26 मिमी वर्षा दर्ज हो गई जबकि शहर के अन्य इलाकों में भी पांच से 12 मिमी तक वर्षा रिकार्ड हुई है।
कानपुर (Kanpur) में दिनभर बादलों का डेरा छाया रहा। शाम होते-होते घने बादलों ने शहर को घेर लिया। मौसम विभाग के अनुमान के हिसाब से मंगलवार से पहले ही बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग ने अनुमान जताया कि 15 जुलाई से फिर से तेज बारिश होगी। अलर्ट भी जारी किया गया था। इधर, बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव हो गया। गोविंदनगर, गांधीनगर, यशोदानगर और किदवई नगर में दुकानों और घरों में पानी भर गया। वहीं चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए विवि) के मौसम विज्ञानी की मानें तो मानसून की सक्रियता फिर से बढ़ गई है। तीन दिन तक भारी वर्षा का अनुमान है।
मानसून वर्षा का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने 15 जुलाई से कर रखा था। इससे पहले ही सोमवार की शाम से वर्षा की शुरुआत हो गई है। शाम लगभग नौ बजे तक सीएसए में 26 मिमी, नौबस्ता में 12 मिमी और बिल्हौर क्षेत्र में पांच से छह मिमी वर्षा हुई है। मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का वायु क्षेत्र बना हुआ है जो तेजी के साथ उत्तर प्रदेश और कानपुर की ओर बढ़ रहा है। इससे मानसूनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने के आसार है।
इससे अगले एक सप्ताह के दौरान अच्छी वर्षा की संभावना है। 15 जुलाई को हल्की से मध्यम वर्षा होगी लेकिन 16 जुलाई से 19 जुलाई के दौरान भारी वर्षा के आसार बन रहे हैं। एक और मौसमी सिस्टम राजस्थान के पूर्वी हिस्से और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बना हुआ है। यह भी अगले सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में मजबूत वर्षा कराएगा।
सीपीसी मालगोदाम में जलभराव, क्षतिग्रस्त हो रहे ट्रक
कलक्टरगंज स्थित सीपीसी माल गोदाम में पानी भरा हुआ है और निकल नहीं रहा। मालगाड़ियों की आवक भी हो रही है और माल भी उतर रहा है लेकिन वहां तक पहुंचने के दौरान भरे पानी के बीच नालियों में पहिया फंसने और लोहे के सामान से टकराने की वजह से टायर खराब हो रहे हैं। कानपुर लोकल ट्रक सर्विस यूनियन के अध्यक्ष अब्दुल वहीद ने बताया कि इस समय करीब एक लाख बोरी माल रोज आ रहा है। इसमें खासतौर पर सीमेंट है। माल के खराब होने का संकट नहीं है लेकिन प्लेटफार्म तक ट्रकों का पहुंचना मुश्किल है। इस बीच ट्रक खराब हो रहे हैं। यहां ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं है। वहीं प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि समस्या को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।
गंगा का जलस्तर छह दिन में 15 सेंटी बढ़ा
गंगा का जलस्तर फिर बढ़ना शुरू हो गया है। बीते गुरुवार को शुक्लागंज का जलस्तर 110.68 मीटर था जो मंगलवार को 110.83 मीटर हो गया है। छह दिन में 15 सेंटीमीटर बढ़ा है। फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ने पर अफसरों ने सतर्कता बढ़ा दी है।
गंगा का हाल
- अपस्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर - 113.10 मीटर
- डाउन स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर 112. 26 मीटर
- शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर -110.83 मीटर
- बैराज के 30 गेट में - सभी गेट खोले
- शुक्लागंज की तरफ चेतावनी बिंदु - 113 मीटर
- खतरे का निशान - 114 मीटर
- नरोरा बांध से छोड़ा गया गंगा का जल -86,019क्यूसेक
- गंगा बैराज से शुक्लागंज की तरफ छोड़ा गया गंगा का जलस्तर 1.07,816 क्यूसेक
किसान खरीफ फसलों का 31 तक करवाएं बीमा, आपदा से करें सुरक्षित
किसान इन दिनों खरीफ सीजन में धान, अरहर, मूंग, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, तिल आदि फसलों को तैयार कर रहा है। वैसे भी आपदा का कुछ कहा नहीं जा सकता, कब न आ जाए। बुंदेलखंड की खेती में किसानों को फसल तैयार होने तक कई समस्याओं से झेलना पड़ता है। यहां अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को बहुत नुकसान होता है। लिहाजा सरकार ने फसलों के बीमा की योजना बीते कुछ वर्षों से शुरू कर दी है। इसमें किसानों को कुछ अंश के रूप में प्रीमियम जमा करना होता है। बीमा कराने की तिथि तय कर दी गई है। किसान 31 जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा बैंक, कामन सर्विस सेंटर या आनलाइन पोर्टल पीएमएफबीवाई.जीओवी. इन के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं।
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