यूपी में SIR के पहले चरण में ही 12000 मतदाता लिस्ट से बाहर, इस वजह से BLO ने काट दिए नाम
कानपुर में मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एसआईआर अभियान चलाया जा रहा है। बीएलओ ने 35 लाख से अधिक घरों में गणना पत्र वितरित किए। 12 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम हटाने की सिफारिश की गई, जिनमें मृत, स्थानांतरित और डुप्लीकेट मतदाता शामिल हैं। प्रशासन का लक्ष्य त्रुटि रहित मतदाता सूची बनाना है ताकि कोई भी पात्र मतदाता मतदान से वंचित न रहे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मतदाता सूची के शुद्धिकरण और पुनरीक्षण के लिए चल रहे एसआइआर (स्पेशल समरी रिवीजन) अभियान में प्रशासन ने घर-घर पहुंचकर गणना पत्र वितरण का बड़ा लक्ष्य पूरा कर लिया है। चार दिसंबर से शुरू हुए अभियान के पहले 14 दिनों में बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) 35 लाख 24 हजार 378 घरों तक गणना पत्र पहुंचा चुके हैं।
इस दौरान सत्यापन के बाद 12 हजार 222 मतदाताओं के नाम सूची की संस्तुति की गई है। इनमें 1037 मतदाता डुप्लीकेट भी मिले हैं, जिनके नाम हटाए गए हैं।
एसआइआर के 14 दिनों तक चले अभियान के दौरान सत्यापित मामलों में सबसे बड़ी संख्या उन मतदाताओं की मिली है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। कुल 4678 मतदाता मृत हो चुके हैं।
इसके अलावा 549 मतदाता ऐसे निकले जो वर्षों से अपने घर ही नहीं लौटे और उनकी उपस्थिति की कोई पुष्टि नहीं हो सकी। जांच के दौरान 5978 मतदाता दूसरे जनपदों और राज्यों में स्थायी रूप से शिफ्ट पाए गए हैं, जबकि 1037 मामलों में मतदाताओं के नाम दो स्थानों पर दर्ज मिले। ऐसे डुप्लीकेट नामों को सूची से हटाने की कार्रवाई की गई है।
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बीएलओ गणना पत्रों की वापसी प्रक्रिया भी शुरू कर चुके हैं। अब तक 25 हजार गणना पत्रों का सत्यापन करके वापसी की कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें 1722 गणना पत्र बीएलओ भरकर ईआरओ कार्यालय में जमा कर चुके हैं। गणना पत्रों की वापसी के बाद अंतिम मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
जिले में इस बार अभियान का दायरा काफी व्यापक रखा गया है। 10 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 3620 बीएलओ तैनात हैं, जो लगातार घर-घर जाकर गणना पत्र और घोषणा पत्र वितरित करने के साथ ही वापस लेने का कार्य भी शुरू कर दिया है। जिले में 35 लाख 38 हजार 261 मतदाता हैं, जिसमें अब केवल 13883 घरों तक गणना पत्र पहुंचाना शेष रह गया है।
अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान न केवल मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने में मदद करेगा बल्कि अगले वर्ष होने वाली चुनावी प्रक्रिया को भी सटीक और पारदर्शी बनाएगा। कई बार गड़बड़ियों के कारण मतदाता मतदान से वंचित रह जाते हैं, इसलिए सूची में समय रहते संशोधन करना बेहद जरूरी है।
बीएलओ की टीम लगातार निगरानी में है और हर दिन प्रगति रिपोर्ट तैयार कर निर्वाचन कार्यालय भेजी जा रही है। इस बार तकनीकी माध्यमों का भी व्यापक उपयोग हो रहा है। कई मामलों में घर-घर सत्यापन के अलावा डिजिटल रिकार्ड से भी जानकारी मिल रही है, जिससे डुप्लीकेट और स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान आसान हो गई है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व डा.विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि अभियान पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा रहा है और किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत जांच कर कार्रवाई की जा रही है।
एसआइआर अभियान के अंत में सभी गणना पत्रों के सत्यापन, अपूर्ण जानकारियों के संशोधन और पात्र नागरिकों के नाम जुड़ने के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। अभियान का लक्ष्य सिर्फ सूची को अपडेट करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि जिले का कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।

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