Kanpur Violence : उपद्रव से पहले वसी और हयात ने बेची थीं 1.30 करोड़ की संपत्तियां, बैंक खाते खंगाल रही एसआइटी
कानपुर परेड नई सड़क पर तीन जून को हुए उपद्रव की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मुख्तार बाबा और हाजी वसी के बैंक खातों की पड़ताल शुरू की है। हयात और वसी ने उपद्रव से पहले एक करोड़ तीस लाख में संपत्तियां बेची थीं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। नई सड़क उपद्रव से पहले खजांची और साजिशकर्ताओं के रूप में चिह्नित बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वसी और हयात जफर हाशमी द्वारा संपत्तियों की खरीद फरोख्त की गई थी। इस तथ्य के सामने आने के बाद एसआइटी (विशेष जांच दल) ने मुख्तार और वसी के बैंक खाते खंगालने शुरू कर दिए हैं। यह कवायद इसलिए की जा रही है, ताकि रुपये के लेनदेन के बारे में पता करके उपद्रव से जुड़े अन्य बिंदुओं की जांच की जा सके।
पुलिस ने अदालत में जो पर्चे दाखिल किए हैं, उसमें कहा गया है कि उपद्रवियों को एक हजार से पांच हजार रुपये देकर पथराव के लिए तैयार किया गया था। मंगलवार को प्रकाश में आया था कि हाजी वसी और हयात ने उपद्रव से पहले अपनी 1.30 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची थीं। आरोप लग रहा है कि इस पैसे का उपयोग उपद्रव के लिए किया गया। इससे पूर्व एसआइटी ने हयात जफर हाशमी के खातों की जांच की थी। हयात व उसकी पत्नी के तीन बैंक खातों की जानकारी मिली थी, लेकिन उनमें ज्यादा लेनदेन सामने नहीं आया था।
अब नए तथ्यों के सामने के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के आदेश पर एसआइटी ने मुख्तार बाबा, हाजी वसी और इनके परिवार वालों के बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है। हालांकि गिरफ्तारी के 15 दिन बाद भी मुख्तार बाबा के किसी भी बैंक खाते की जानकारी पुलिस को नहीं मिली है। वहीं, हाजी वसी ने जेल जाने से पहले पुलिस को यस बैंक में अपना खाता होने की जानकारी दी थी। अब पुलिस पैन कार्ड, आधार कार्ड के जरिए उसके बैंक खातों की तलाश में लगी है।
सूत्रों का दावा है कि मुख्तार और वसी करीब आधा दर्जन बैंक खातों से लेनदेन करते थे। वसी ने अपनी निर्माण कंपनी के नाम से भी खाता खोला हुआ है। इसके साथ ही इन दोनों के परिवार वालों के भी बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है, ताकि यह देखा जा सके कि उपद्रव से पहले और बाद में पैसों का लेनदेन कहां-कहां हुआ। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि बैंक खातों की पड़ताल करने को कहा गया है। जानकारियां जुटाई जा रही हैं

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