Kanpur Violence : उपद्रव में पुलिस ने किया बड़ा राजफाश, उसकी शहर में ही थी बाबर और अफजाल की लोकेशन
कानपुर परेड नई सड़क पर हुए उपद्रव की जांच कर रही पुलिस को सर्विलांस के जरिये अफजाल और बाबर की लोकेशन मिलने के बाद अब शहर छोड़कर फरार अपराधियों की तलाश तेज की गई है। उपद्रव स्थल पर सक्रिय नंबरों की सीडीआर निकाली जा रही है।

कानपुर, गौरव दीक्षित। परेड इलाके में नई सड़क और दादा मियां का हाता में तीन जून को हुए उपद्रव में हिंसा फैलाने की साजिश में डी-टू (जिला स्तर के दो नंबर) के गैंग के गुर्गों के शामिल होने के राजफाश के बाद अब बड़ी जानकारी सामने आई है। मोबाइल सर्विलांस के जरिये पुलिस को गैंग के सरगना अतीक के भाई अफजाल व हथियार तस्कर बाबर की लोकेशन उपद्रव के दौरान परेड में ही मिली है। अफजाल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड था। उपद्रव से 15 दिन पहले ही वह जेल से छूटा था। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। चर्चा है कि दोनों शहर छोड़ कर फरार हैं।
तीन जून को पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित के बयान के विरोध में जुमे की नमाज के बाद जुटी भीड़ ने जमकर उपद्रव किया था। दैनिक जागरण ने सबसे पहले खबर दी थी कि भीड़ में उपद्रव के साजिशकर्ताओं ने डी-टू गैंग के गुर्गों को शामिल कर दिया था, जिनका मकसद खूनी हिंसा करना था, लेकिन पुलिस की सक्रियता की वजह से सफल नहीं हुए। दैनिक जागरण ने यह भी पर्दाफाश किया था कि हिंसा के लिए शूटर का प्रबंध अफजाल ने किया था, जबकि हथियारों का बाबर ने। सर्विलांस के जरिये दोनों की लोकेशन उपद्रव के दिन परेड के आसपास मिलने के बाद पुलिस उस वक्त क्षेत्र में सक्रिय कुछ मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकालकर इस जांच में लगी है कि उस वक्त अफजाल व बाबर के संपर्क में कौन-कौन लोग थे।
सीएए हिंसा के बाद जयपुर से पकड़ा गया था अफजाल : वर्ष 2019 में 20 दिसंबर को सीएए के विरोध में हुई हिंसा में गोली लगने से तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 12 लोग घायल हुए थे। जांच में इस हिंसा के पीछे अफजाल का नाम सामने आया था। वह शहर छोड़कर फरार हो गया था। ठीक दो साल बाद दिसंबर 2021 में एसटीएफ ने उसे जयपुर से गिरफ्तार किया था। वहां जावेद नाम रखकर अफजाल रह रहा था। हिस्ट्रीशीटर अफजाल के खिलाफ 31 मुकदमे हैं।

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