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    Kanpur News: दिव्यांग महिला सफाईकर्मी से मेडिकल बिल के लिए रिश्वत मांगना पड़ा महंगा, उजागर कर दिया भ्रष्टाचार

    By ankur Srivastava Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 15 Jul 2025 08:07 PM (IST)

    Kanpur News दिव्यांग महिला सफाईकर्मी से रिश्वत लेते विकास भवन के पटल अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारी के रिश्वत मांगने पर महिला भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहती थी। इसकी सूचना एंटी करप्शन टीम को दी। अधिकारी मेडिकल बिल पास करने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था।

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    दिव्यांग महिला सफाईकर्मी से रिश्वत लेते विकास भवन के पटल अधिकारी गिरफ्तार। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। विकास भवन के ग्राम पंचायत अधिकारी पटल स्थापना ने रिश्वत के लिए दिव्यांग महिला सफाईकर्मी को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने महिला सफाई कर्मी से चिकित्सकीय प्रतिपूर्ति का 45518 रुपये का बिल का भुगतान कराने के लिए पांच हजार रुपये की मांग कर दी। महिला ने उसे कार्यालय से बाहर बुलाकर रुपये जैसे ही दिए। तभी आरोपित को एंटी करप्शन टीम ने धर दबोचा। उसे नवाबगंज थाने ले जाया गया, जहां एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कराया है।

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    बर्रा के गुंजन विहार निवासी दिव्यांग प्रमिला यादव विकास भवन के जिला पंचायती राज्य विभाग में सफाई कर्मी हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय प्रतिपूर्ति के बिल का भुगतान होना था, लेकिन विभाग का ग्राम पंचायत अधिकारी पटल स्थापना पत्रकारपुरम निवासी राजीव चंद्रा उन्हें काफी दिनों से टरका रहे थे। कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि बिल पास कराने के लिए पांच हजार रुपये देने होंगे। उन्हें अपनी आर्थिक समस्या बताई, लेकिन वह रिश्वत दिए भुगतान न कराने की बात कही।

    प्रमिला ने बताया कि वह अधिकारी को रिश्वत नहीं देना चाहती थीं बल्कि उसकी करतूत की वजह से उसे पकड़वाना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि उनकी तरह न जाने कितने कर्मचारी परेशान होते हैं और भागदौड़ से बचने व जल्दी काम होने के लिए राजीव चंद्रा को रिश्वत दे देते हैं।इसीलिए एंटी करप्शन के अधिकारी से उनकी शिकायत की थी।

    एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में राजीव चंद्रा को रंगेहाथ पकड़ने के लिए पांच-पांच सौ के 10 नोटों पर केमिकल लगाकर पीड़िता प्रमिला यादव को दिए थे। इसके बाद वह आरोपित राजीव चंद्रा के कार्यालय के बाहर पहुंचीं, जहां आसपास उनकी टीम भी लग गई। प्रमिला ने राजीव को फोन कर रुपये देने के लिए बाहर बुलाया।

    वह कार्यालय से उतरकर नीचे परिसर में बनी कैंटीन में पहुंच गया। पीड़िता ने ने पांच हजार रुपये उन्हें दिए और हाथ से इशारा कर दिया। इशारा समझते ही एंटी करप्शन की टीम ने राजीव चंद्रा को दबोच लिया। उसके पास से वही नोट मिले। आरोपित के हाथ धुलवाए गए तो नोट में लगे केमिकल की वजह से हाथों में गुलाबी रंग लग गया, जिससे रिश्वत लेने की पुष्टि हुई और आरोपित को टीम उसे नवाबगंज थाने ले गई।

    एंटी करप्शन टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपित को बुधवार को लखनऊ की कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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