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    ‘राज्यपाल से नामित हूं… JCP को अधिकार नहीं’, महिला आयोग की सदस्य ने DGP को लिखा पत्र, यूपी में बना हॉट टॉपिक

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 03:02 PM (IST)

    कानपुर में महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता और जेसीपी विनोद कुमार सिंह के बीच थाने के निरीक्षण को लेकर विवाद है। अनीता गुप्ता ने जेसीपी पर अधिकार न होने का आरोप लगाया और डीजीपी को पत्र लिखा। जेसीपी का कहना है कि किसी को सीधे थाने का निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है। पुलिस आयुक्त मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। बर्रा थाने का निरीक्षण करने को लेकर उप्र राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता और संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) मुख्यालय एवं अपराध विनोद कुमार सिंह के बीच तकरार जारी है। अनीता गुप्ता का कहना है कि राज्यपाल से नामित हूं। जेसीपी को पत्र भेजने का अधिकार नहीं है। उन्होंने इस प्रकरण को लेकर डीजीपी को पत्र भेजा, जो बाद में प्रचलित भी हो गया।

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    वहीं जेसीपी अब भी यही कह रहे हैं कि ऐसे किसी को सीधे थाने का निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है। हालांकि पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल का कहना है कि दोनों पक्षों को बुलाकर जो भी बात है उसे खत्म की जाएगी।

    राज्य महिला आयोग की सदस्य ने 22 नवंबर को बर्रा थाने का निरीक्षण किया था। उन्होंने महिला अपराध से जुड़े मामलों में तत्काल कार्रवाई नहीं होने पर आपत्ति जताई थी। उनके निरीक्षण की जानकारी पर जेसीपी अपराध एवं मुख्यालय ने उन्हें पत्र भेजा, जिसमें लिखा है कि कानूनी प्रविधान एवं निर्धारित क्षेत्राधिकारों के अनुसार महिला आयोग के सदस्यों को थानों का निरीक्षण करने का अधिकार प्राप्त नहीं है। ऐसे पुलिस के कार्यों में व्यवधान होता है।

    अपेक्षा है कि आप अपने प्रदत्त अधिकारों एवं शक्तियों के अंतर्गत ही कार्य करें। इस पत्र को जेसीपी ने पुलिस आयुक्त, जेसीपी कानून व्यवस्था, सभी जोन के डीसीपी, एसीपी को भेजा। अनीता गुप्ता ने नाराजगी जताते अभद्र भाषा का प्रयोग करने की बात कही।

    उन्होंने कहा कि पहली बात तो वह एक शिकायत पर बर्रा थाने गई थीं और वहां महिला हेल्प डेस्क के रजिस्टर देखे थे, न कि पूरे थाने का निरीक्षण किया। जेसीपी को अगर कोई बात थी तो सीधे फोन कर बता सकते थे। बिना बात किए सभी डीसीपी और एसीपी को पत्र भेजना ठीक नहीं है।

    पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने बताया कि जेसीपी ने महिला आयोग की सदस्य को पत्र भेजा था, जिसमें कुछ कटु शब्द लिखे थे। महिला आयोग की सदस्य ने बताया कि समस्या लेकर गए थे। आयोग की अध्यक्ष से भी बात की है। गलतफहमी दूर होनी चाहिए। सभी को न्याय मिले और महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। दोनों में किसी को कोई आपत्ति नहीं है।

    पत्र की भाषा घोर आपत्तिजनक अपमान से चेतावनी दर्शाती है

    अनीता गुप्ता ने डीजीपी को पत्र भेजा है, जो गुरुवार को प्रचलित भी हुआ। पीड़ित महिलाओं के केस दर्ज होने से संबंधित कार्रवाई के विवरण का अवलोकन किया था। ऐसा आयोग की सभी सदस्यों के निरीक्षण भ्रमण व जनसुनवाई में होता है लेकिन 24 नवंबर को संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय की ओर से पत्र दिया गया।

    पत्र की भाषा घोर आपत्तिजनक अपमान से परिपूर्ण एवं कड़ी चेतावनी को दर्शाती है। उन्होंने डीजीपी से प्रकरण में कठोर कार्रवाई करने की बात कही।

    मामला मेरे संज्ञान में है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

    -डा. बबिता सिंह चौहान, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग