कानपुर में यातायात पुलिस सख्त, नाबालिग वाहन चालकों पर 24 घंटे रखेगी नजर
कानपुर में यातायात माह की शुरुआत करते हुए पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। नाबालिग वाहन चालकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शहर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। गुड सेमेरिटन योजना के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसके तहत दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना केवल पुलिस ही नहीं बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। सभी की सक्रियता और सामूहिक भागीदारी से ही यातायात व्यवस्था बेहतर होगी। यह बात पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने सोमवार को ट्रैफिक लाइन में यातायात माह के शुभारंभ पर कही। उन्होंने सभी से अपील की कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
खुद सुरक्षित रहें और दूसरों की सुरक्षा में भी योगदान दें। उन्होंने कहा कि इस बार विशेष ध्यान नाबालिग वाहन चालकों पर रहेगा। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स, आटो, ई-रिक्शा और यातायात पुलिसकर्मियों की बाइक की रैली को हरी झंडी भी दिखाई।
डीसीपी ट्रैफिक रवीन्द्र कुमार ने कहा कि वाहनों का बढ़ता दबाव, संकरी सड़कें और नियमों की अनदेखी यातायात व्यवस्था को बिगाड़ रही हैं। ऐसे में आवश्यक है कि हर नागरिक यातायात नियमों का गंभीरता से पालन करे। एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह ने बताया कि नवंबर में शहर के प्रमुख चौराहों, स्कूलों, कालेजों और बाजारों में जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके बाद स्कूली छात्रों ने नुक्कड़ नाटक और पोस्टर प्रदर्शनी के जरिये सड़क सुरक्षा का संदेश दिया।
अखंड हिंद फौज समेत और कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी अभियान में सहयोग देने की घोषणा की, जिन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद छात्रों ने हेलमेट लगाओ-जीवन बचाओ, सीट बेल्ट है जरूरी और सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा जैसे नारों के साथ रैली निकाली।
पुलिस विभाग ने विशेष अभियान चला लोगों को शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते हुए वाहन न चलाने की सलाह दी। इस मौके पर संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह, डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह मौजूद रहे।
फाइव-ई सिद्धांत पर होगा यातायात प्रबंधन
पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने बताया कि यातायात माह में फाइव-ई के सिद्धांतों पर पुलिस काम करेगी। इसमें पहला एजुकेशन, जिसमें लोगों को जागरूक किया जाएगा। दूसरा इनफोर्समेंट यानी कार्रवाई, तीसरा इंजीनियरिंग, चौथा इनवायरमेंट यानी पर्यावरण को सुरक्षित बनाना और पांचवां इमरजेंसी केयर आपातकालीन सेवाओं पर काम कर उन्हें और बेहतर बनाना शामिल है।
शहर को नहीं मिला एक भी गुड सेमेरिटन
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुड सेमेरिटन योजना शुरू की थी, जो दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने वाले व्यक्ति को पांच हजार रुपये का पुरस्कार देता है। यह धनराशि बढ़ाकर अब 25 हजार कर दी गई है। मदद करने वाले की पहचान गोपनीय रहेगी और उससे कोई पूछताछ नहीं होगी।
डीसीपी यातायात रवीन्द्र कुमार ने बताया कि इसके बावजूद शहर से अब तक एक भी गुड सेमेरिटन आगे नहीं आया है। उम्मीद है कि इस बार ऐसा नहीं होगा। हालांकि हादसों के मामले में हमारा शहर प्रदेश में पहले स्थान पर था, जो अब तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
नियमों के उल्लंघन पर 2567 पर कार्रवाई
यातायात माह के दौरान विपरीत दिशा में वाहन चलाने वाले 191 लोगों के खिलाफ, तीन सवारी में 140 और बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के 23 वाहनों का चालान किया गया। अन्य नियमों के उल्लंघन में 2213 समेत कुल 2567 लोगों का चालान किया गया।

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