UP News: लुटेरों का सरगना निलंबित टीएसआइ गया जेल, पुलिस को भनक तक नहीं
कानपुर में पुलिस की वर्दी में लूटपाट करने वाले गिरोह के सरगना निलंबित टीएसआई अजीत यादव ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। पुलिस की वर्दी में संदिग्ध लोगों के घरों व होटलों में छापेमारी कर लूटपाट करने वाले गिरोह के सरगना निलंबित टीएसआइ अजीत यादव ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उसे जेल भेज दिया गया। बड़ी बात ये रही कि उसकी तलाश में लगी पुलिस को दूसरे दिन सुबह तक इसकी जानकारी नहीं रही। पुलिस कोर्ट से आख्या मांगे जाने को लेकर भी अनजान बन रही है।
मैनपुरी के एलाऊ मांझगांव निवासी दारोगा अजीत ट्रैफिक पुलिस लाइन में तैनात था। उसने औरैया के दिबियापुर निवासी पीआरडी जवान वर्षा चौहान, सतबरी रोड निवासी होमगार्ड राजीव दीक्षित, सनिगवां के गायत्री नगर में रहने वाले अरविंद शुक्ल, कानपुर देहात के अकबरपुर अमिलिहा निवासी अनिरुद्ध सिंह, कन्नौज के छिबरामऊ निवासी अनुज कुमार डंपी यादव संग गिरोह तैयार किया था।
ये गिरोह संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहे लोगों के घरों व होटलों आदि स्थानों पर छापेमारी कर उन्हें अर्दब में लेता है। फिर मोटी रकम लूटपाट कर चले जाते हैं। गिरोह ने हनुमंत विहार के बाद शनिवार को रावतपुर के एक घर से 1.70 लाख रुपये लूटे थे।
स्वजन की सूचना पर पुलिस ने शनिवार रात गिरोह के पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जबकि सरगना अजीत फरार था। पुलिस उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाती रही। उसकी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी रही लेकिन पुलिस के पैंतरे जानने वाले अजीत ने पहले कोर्ट में आत्मसमर्पण की अर्जी डलवाई। फिर चुपचाप शुक्रवार शाम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया है। हालांकि कोर्ट में आत्मसमर्पण की अर्जी देने के बाद ही कोर्ट थाना पुलिस से आख्या रिपोर्ट मांगती है। पुलिस आख्या कोर्ट भेजती है लेकिन फिलहाल पुलिस इन सबसे अनजान बनने की कोशिश कर रही है।
रावतपुर थाना प्रभारी केके मिश्रा ने बताया कि अजीत के आत्मसमर्पण कर जेल जाने की सूचना मिली है लेकिन थाने में कोई कागज नहीं आया है। वहीं, जेल अधीक्षक डा.बीडी पांडेय ने बताया कि शुक्रवार रात आरोपित अजीत यादव को जेल लाया गया है।
अधिकारी को भी गुमराह करते रहे थाना प्रभारी
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि थाना प्रभारी ने उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं बताया। शुक्रवार शाम उन्होंने यह बताया था कि आरोपित को आत्मसमर्पण करने आना था लेकिन नहीं आया है। अब वह आया नहीं तो जेल कैसे चला गया और थाना प्रभारी को पता ही नहीं है। ये लापरवाही है। अधिकारी को इससे अवगत कराएंगे।

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