कानपुर में भूमाफियाओं का गजब खेल, 58 साल पहले मरी महिला का बना दिया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, डाक्टर गिरफ्तार
कानपुर में रामखिलावन गैंग ने जमीन हड़पने के लिए 58 साल पहले मृत महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। मृतका की जगह दूसरी महिला को खड़ा कर करोड़ों की जमीन बैनामा कर दी गई। विरोध करने पर पीड़ित परिवार को पीटा गया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में दस्तावेज फर्जी निकले।

जागरण संवाददाता, कानपुर। हिस्ट्रीशीटर रामखिलावन ने अपने गैंग के साथ मिलकर पहले 58 साल पहले मर चुकी महिला की जगह दूसरी महिला को खड़ाकर मृतका की नवाबगंज के कटरी ख्यौरा की करोड़ों की जमीन कब्जा ली। उसके बाद उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना जमीन अपने ही गैंग के नाम लिखापढ़ी करा ली। मृतका के परिवार ने विरोध किया तो उन्हें पहले लाठी-डंडों से पीटा, फिर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
मामले में पीड़ित ने कोर्ट के माध्यम से रामखिलावन समेत नौ नामजद व 15 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें प्रकाश में तीन नए नाम है, जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोपित डाक्टर सुबोध दीक्षित को पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेजा।
नवाबगंज के लक्ष्मनपुरवा गांव निवासी मल्हू ने पांच जुलाई 2023 को हिस्ट्रीशीटर रामखिलावन, मनोज उर्फ लाला, आलोक, सुनील कुमार, नितेश सिंह, राजेश कुमार, शमशाद आलम,सुषमा अवस्थी, मनोज कुमार व 10 से 15 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया था।मुकदमे के अनुसार, मल्हू की बुआ केशा उर्फ पार्वती की कटरी ख्यौरा में काफी जमीन है।
बुआ का छह दिसंबर 1958 में निधन हो गया था। उनके कोई संतान नहीं थी। उनकी चल-अचल संपत्ति के मालिक मैं और मेरे भाई हुए, लेकिन उस जमीन पर रामखिलवान व उसके गैंग ने जमीन कब्जाने के लिए बुआ की जगह किसी अन्य महिला के नाम की फर्जी आइडी बला उसे खड़ा कर जमीन का बैनामा सुषमा अवस्थी को कर दिया। बाद में जमीन कई हिस्सों को फर्जी दस्तावेज बनवा अपने ही गैंग के सदस्यों को बैनामा करा खरीद-फरोख्त करने लगे।
रामखिलावन गैंग ने मेरे परिवार को भी झांसे में लेकर गलत तरह से लिखापढ़ी कराई और बाद में मुकदमा करवा दिया। इसके बाद रामखिलावन गैंग ने बुआ के नाम का वर्ष 2016 में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। इस दौरान जमीन खरीद फरोख्त में जो भी रकम की चेकों का जिक्र किया गया उसका कभी भुगतान ही नहीं हुआ और जिन्हें चेक दी गई। उनका पता भी गलत निकला। मामले में जांच कराई तो मृत्यु प्रमाण पत्र समेत दस्तावेज फर्जी निकले।
विरोध पर आरोपितों ने उन्हें लाठी-डंडों से पीटने के बाद 27 मार्च 2023 को मेरे व परिवार पर धोखाधड़ी, षडयंत्र समेत धाराओं में मुकदमा करा दिया। पीड़ित की कहीं सुनवाई न होने पर कोर्ट की शरण ली। तब आरोपितों पर मुकदमा लिखा गया।
थाना प्रभारी केशव कुमार तिवारी ने बताया कि मामले में नामजद आरोपितों ने हाईकोर्ट में स्टे ले रखा है। विवेचना में तीन नाम दर्शनपुरवा के धर्मेंद्र वर्मा, परमियापुरवा निवासी सुधीर मिश्रा ऊर्फ सोनू व शुक्लागंज गंगाघाट आनंदनगर निवासी सुबोध दीक्षित का नाम प्रकाश में आया था। सुधीर पहले गिरफ्तार हो चुका है। सुबोध ने ही फर्जी प्रमाण पत्र बनाया है। उसे मंगलवार को कंपनी बाग से एचडीएफसी बैंक रोड के पास से गिरफ्तार किया है।
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