कानपुर के स्कूलों को पहले भी मिल चुकी हैं बम से उड़ाने की धमकी, नहीं पकड़ा गया धमकी देने वाला
विभिन्न शहरों के 150 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसमें कानपुर के भी कई स्कूलों को धमकी भरे ईमेल आए हैं। मामले में एटीएस सक्रिय हो गई है। स्कूल प्रबंधनों से संपर्क किया गया। पूर्व में भी शहर के कई स्कूलों को धमकी मिल चुकी है। आरोपितों का पता नहीं चल सका है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर के विभिन्न स्कूलों को ईमेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। हालांकि इससे पहले भी बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। धमकी मिलने से शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस बार धमकी केशवनगर स्थित गुमोहर पब्लिक स्कूल, किदवई नगर के स्थित सेंट थामस इंटर कालेज और रेलबाजार क्षेत्र के डान बास्को स्कूल को मिली। धमकी में लिखा है कि स्कूल परिसर में कई बम छिपाए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) तेजी से सक्रिय हो गई है और स्कूल प्रबंधन से जानकारी जुटा रही है।
ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई स्कूलों में को ईमेल के माध्यम से धमकी मिल चुकी है। पुलिस अब तक आरोपितों को पकड़ने में सफल नहीं हो सकी है। यह चिंता का विषय है कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और स्कूलों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इस बार इस ईमेल में दो नामों का उल्लेख भी किया गया है, जो कि आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।
धमकी मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। हालांकि, पहले मामले को इसलिए छिपाने की कोशिश की गई ताकि अभिभावक परेशान न हों। लेकिन जैसे-जैसे स्थिति का खुलासा हुआ, यह जानकारी सामने आई कि ऐसी धमकियां सिर्फ कानपुर में नहीं, बल्कि देशभर के 150 जिलों के स्कूलों को भी भेजी गई हैं, जिसमें मेरठ और आगरा जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।
डीसीपी (पूर्वी) सत्यजीत गुप्ता ने कहा, हमने उन सभी स्कूलों से जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है जहां धमकी मिली है। यह एक गंभीर मामला है और हम इसे हल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।” एटीएस की टीम ने स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक की।
वहीं, इस धमकी के बाद से शहर के अभिभावकों में चिंता का माहौल बना दिया है और वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गए हैं। कई अभिभावकों ने स्कूलों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की मांग की है। अभिभावक अजय गुप्ता का कहना है कि यह बहुत चौंकाने वाला है। हमारी प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करेगा।
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