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    कानपुर में सड़क हादसा, हाईवे पर खड़े डंपर में घुसी तेज रफ्तार कार, दो की मौत

    By atul mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 02:58 PM (IST)

    कानपुर के शिवराजपुर थाना क्षेत्र में सुबह भीषण हादसा हो गया। हाईवे 34 पर भौनतपुर गांव के पास तेज रफ्तार कार हाईवे पर खड़े डंपर से जा टकराई। इससे कार में सवार दो युवकों की मौत हो गई। दोनों युवक कार से बिल्हौर से कानपुर किसी काम के लिए आए थे।

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    कानपुर के शिवराजपुर थाना क्षेत्र में सड़क हादसा।

    संवाद सहयोगी,जागरण, चौबेपुर(कानपुर)। कानपुर के शिवराजपुर थाना क्षेत्र के भौनतपुर गांव के सामने हाइवे 34 पर हादसा हो गया। बुधवार की भोर पहर शिवराजपुर थाना क्षेत्र के भौनतपुर गांव के सामने हाईवे पर खड़े डंपर में पीछे से तेज रफ्तार कार घुस गई। हादसे में कार सवार दो दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद हाईवे पर करीब 40 मिनट तक यातायात ठप रहा। दुर्घटना के बाद डंपर चालक वाहन समेत फरार हो गया।

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    बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के उत्तरीपुरा कस्बा निवासी 30 वर्षीय बाबू तिवारी पुत्र विष्णु कुमार तिवारी अपने दोस्त 38 वर्षीय धीरेंद्र पुत्र सुरजन लाल को दवा दिलाने के लिए कार से कानपुर गए थे। लौटते समय शिवराजपुर के भौनतपुर गांव के पास हाईवे पर खड़े डंपर में उनकी कार पीछे से भिड़ गई।

    टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज शुरू होने से पहले ही डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रभारी निरीक्षक वरुण शर्मा ने बताया कि घटनास्थल के पास लगे सीसी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। जिससे डंपर और चालक की पहचान की जा सके। अभी तक मृतकों के परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है।

    धीरेंद्र के निधन से उसके परिवार में मातम पसर गया। उनके पिता सुरजन लाल आयुर्वेद विभाग से सेवानिवृत्त हैं। धीरेंद्र का एक बेटा अभय है। पत्नी मीना सदमे में बार-बार बेहोश हो जा रही थी। वहीं, बाबू तिवारी के घर पर भी कोहराम मचा हुआ है। वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। पिता विष्णु तिवारी और बड़े भाई मोहित की पहले ही बीमारी के चलते मौत हो चुकी है।

    बाबू अपनी मां और छोटे भाई सोहित के साथ रहता था और कार ड्राइविंग कर परिवार का भरण-पोषण करता था। बुधवार की दोपहर जब दोनों युवकों के शव गांव पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया। हर आंख नम थी। गांव के खेरेश्वर घाट पर एक साथ दोनों दोस्तों का अंतिम संस्कार किया गया।