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    Kanpur Railway Station History: जानिए- क्यों 54 वर्ष तक खोया पाया केंद्र के रूप में होता रहा पुराने कानपुर स्टेशन का प्रयोग

    By ShaswatgEdited By:
    Updated: Sat, 12 Dec 2020 12:44 PM (IST)

    1986 में सिविल इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थाना बना। तय हुआ कि चंदारी में चलने वाला अभियांत्रिक प्रशिक्षण संस्थान इस भवन में लाया जाएगा। एक माह में ही इसकी रूपरेखा तैयार हो गई और स्टेशन अधीक्षक और सहायक स्टेशन अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के कमरे कक्षाआें में तब्दील कर दिए गए।

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    प्रशिक्षण लेकर हजारों सिविल इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

    कानपुर, जेएनएन। पुराना कानपुर स्टेशन अब सिविल इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान बन गया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां से ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद रेलवे कंपनी ने इसे खोया पाया संपत्ति कार्यालय बना दिया था। इस भवन का प्रयोग पांच दशक तक इसी के रूप में किया गया। अब यहां सिविल इंजीनियर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

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    ...तो इसलिए लेना पड़ा ऐसा निर्णय 

    पुराना कानपुर रेलवे स्टेशन को वर्ष 1932 में बंद कर दिया गया था। तब कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ट्रेनों का आवागमन दिल्ली, हावड़ा और मुंबई रूट पर पूरी तरह से शुरू हो चुका था। ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर लोगों का सामान खो जाता था जिसे रखने के लिए पुराना कानपुर रेलवे स्टेशन को खोया पाया संपत्ति कार्यालय बना दिया गया। जानकार बताते हैं कि करीब 54 वर्षों तक इस भवन का प्रयोग इसी रूप में किया गया। जिसके बाद रेलवे अधिकारियों ने इस भवन का सदुपयोग करने की योजना बनाई। तय हुआ कि चंदारी में चलने वाला अभियांत्रिक प्रशिक्षण संस्थान इस भवन में लाया जाएगा। एक माह में ही इसकी रूपरेखा तैयार हो गई और स्टेशन अधीक्षक और सहायक स्टेशन अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के कमरे कक्षाआें में तब्दील कर दिए गए। उत्तर रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक एसके दत्ता ने 19 अक्टूबर 1986 को सिविल इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान का उद्घाटन किया। यहां से प्रशिक्षण लेकर हजारों सिविल इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

    हर साल 600 से ज्यादा सिविल इंजीनियर हो रहे तैयार 

    सिविल इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान प्रत्येक वर्ष 600 से ज्यादा सिविल इंजीनियर तैयार कर रहा है। यहां दो तरह के सिविल इंजीनियर तैयार होते हैं। पहले वह जिनका काम रेलपथ में आने वाली समस्याएं, निर्माण से संबंधित होता है जबकि दूसरे वो जिनका काम रेलवे के लिए भवन या अन्य तरह के निर्माण कार्य करना होता है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 1986 से अब तक प्रशिक्षण संस्थान 20 हजार से ज्यादा सिविल इंजीनियर तैयार कर चुका है जो रेलवे के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

    यहां मिलती है तैनाती

    • उत्तर मध्य रेलवे में इलाहाबाद, आगरा, झांसी 
    • उत्तर रेलवे में दिल्ली, फिरोजपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, अंबाला कैंट

    पिछले पांच वर्षों में प्रशिक्षित इंजीनियर

    वर्ष जूनियर इंजीनियर 

    2016 653

    2017 716

    2018 651

    2019 396

    2020 736