ये है कानपुर के थानेदारों की मोहमाया, तबादला होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे थाने-चौकी
Kanpur News कानपुर कमिश्नरेट में तबादले के बाद भी कई पुलिसकर्मी अपने पुराने थानों और चौकियों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। पश्चिम और सेंट्रल जोन में कई दारोगा और सिपाही महीनों से तो कुछ एक साल से तबादले के बावजूद वहीं जमे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय तक रिलीव न होना नियम विरुद्ध है और जल्द ही रवानगी कराई जाएगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर (Kanpur) कमिश्नरेट में तबादले के बाद भी कई पुलिसकर्मी थाने और चौकी का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। कमिश्नरेट के पश्चिम और सेंट्रल जोन के पुलिसकर्मी तबादले के महीनों बाद भी चार्ज नहीं छोड़ रहे हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी जुगाड़ लगाकर अपना तबादला निरस्त कराने में लगे हुए हैं।
शहर के थाने चौकियों में तैनात दारोगा व सिपाहियों का लगाव क्षेत्र के प्रति इस कदर बढ़ गया है कि वह तबादला हो जाने के बावजूद भी लंबे समय से जमे हुए हैं। पश्चिम जोन जिसमें दारोगा सुधाकर पांडेय का बिल्हौर थाने के लिए तबादला हो जाने के बाद भी लगभग 10 माह से रोशन नगर हलका प्रभारी बने हुए है।
वहीं, दीवान धर्मेंन्द्र सिंह को एक साल पहले फील्ड यूनिट में भेजा गया था, लेकिन वह इसी थाने में रहकर अब पदोन्नत होकर दारोगा बन गए हैं लेकिन उनका तबादला नहीं हुआ। इसी तरह महिला दारोगा अनीता सिंह व सिपाही अजीत सिंह का इसी साल जून माह में तबादला हुआ था।
इसके साथ ही सुशील कुमार नागर को इस साल जुलाई में जहां सेंट्रल जोन, तो वहीं चालक उदय सिंह को सेट्रल जोन के कोहना थाने में और यहां के चालक अनुराग चतुर्वेदी को रावतपुर में संबद्ध किया गया था। लेकिन अब तक अजीत सिंह को छोड़कर अभी तक किसी की भी रवानगी नहीं हो सकी है।
वहीं सेंट्रल जोन के काकादेव थाने में तैनात दारोगा मंजेश सिंह का इस साल 28 अप्रैल को क्राइम ब्रांच में तबादला हुआ था लेकिन वह अभी भी यहीं डटे हुए हैं।
तबादला होने के बाद भी इतने लंबे समय तक रिलीव न होना गलत है। इसके बारे में संबंधित जोन के डीसीपी बेहतर बता सकते हैं।
- एसएम.कासिम आबिदी, डीसीपी मुख्यालय व अपराध
तबादले के बावजूद इतने लंबे समय तक रिलीज न होने की जानकारी मुझे नहीं है, मामले को दिखवाकर तत्काल रवानगी कराई जाएगी।
-दिनेश त्रिपाठी, डीसीपी पश्चिम
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