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एक बार फिर सवालों के कठघरे में कानपुर पुलिस, फर्जी मुकदमों से महिलाओं की आवाज दबाने का आरोप

राज्य महिला आयोग की दोनों सदस्य गुरुवार को सर्किट हाउस में महिला उत्पीडऩ संबंधी मामलों की समीक्षा कर रही थीं। समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि गुरुवार को कुल 17 महिलाएं शिकायतें लेकर आई।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:20 AM (IST)
एक बार फिर सवालों के कठघरे में कानपुर पुलिस, फर्जी मुकदमों से महिलाओं की आवाज दबाने का आरोप
कानपुर पुलिस की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। एक ओर सरकार महिला उत्पीडऩ के मामलों में सख्ती बरत रही है, वहीं दूसरी ओर पुलिस फर्जी मुकदमे दर्ज कर महिला उत्पीडऩ संबंधी मामलों को और बढ़ा रही है। महिलाओं की आवाज दबाने के लिए  विशेषकर चकेरी और कल्याणपुर में फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। यह आरोप किसी और के नहीं बल्कि राज्य महिला आयोग की सदस्यों रंजना शुक्ला और पूनम कपूर ने लगाए हैं। 

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राज्य महिला आयोग की दोनों सदस्य गुरुवार को सर्किट हाउस में महिला उत्पीडऩ संबंधी मामलों की समीक्षा कर रही थीं। समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि गुरुवार को कुल 17 महिलाएं शिकायतें लेकर आई। उनके पास सूचना है कि चकेरी और कल्याणपुर में फर्जी मुकदमे दर्ज कर उत्पीडि़त महिलाओं की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में एडिशनल डीसीपी शिवा जी शुक्ला से अपना विरोध दर्ज करा दिया है। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप ङ्क्षसह, महिला थानाध्यक्ष स्नेहलता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जुड़े अधिकारी मौजूद थे। 

केस नंबर एक: चकेरी के मंगला विहार निवासी पीडि़त परिवार ने बताया कि होली पर इलाके में रहने वाले ललित ङ्क्षसह, अनुराग ङ्क्षसह, धनजय ङ्क्षसह ने अपने साथियों के साथ मिलकर घर के बाहर नशेबाजी कर रहे थे। जिसका विरोध करने पर आरोपितों ने उनकी बहन से मारपीट व छेडख़ानी की थी। जिसके बाद उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि कुछ दिनों पहले आरोपितों ने पुलिस से साठगांठ कर उनके दोनों बेटे पर झूठा छेडख़ानी का मुकदमा दर्ज कराया। जबकि घटना के वक्त वह वहां मौजूद ही नहीं थे। जिसका सीसीटीवी फुटेज उनके पास है।

केस नंबर दो: रायपुरवा निवासी कांती गौतम ने बताया कि उन्होंने नवम्बर 2019 में अपनी बहन के बेटी की शादी कल्याणपुर में रहने वाली युवती से कराई थी। पति-पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद बहन की बहू ने उन पर उनके भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। अब पुलिस उन पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रही है। फर्जी मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जा रही है।

फोन नहीं उठाते थाना प्रभारी : सदस्यों ने बताया कि चकेरी और कल्याणपुर थाने में लगातार फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। अपराधियों से सांठगांठ कर पुलिस उल्टा पीडि़त पर ही दबाव बना रही है। ऐसी कई शिकायतें उनके पास आ चुकी है। अभी हाल में ही कुछ मामलों की जानकारी के लिए उन्होंने चकेरी थाना प्रभारी मधुर मिश्रा को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। अगर फोन उठाया भी तो मामले की सही जानकारी नहीं दी है। यही स्थिति कल्याणपुर थाना प्रभारी वीर सिंह की है। वह आयोग की ओर से दोनों थाना प्रभारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजेंगी।

17 महिलाओं ने की शिकायत: इस दौरान कुल 17 महिलाएं अपनी समस्याएं लेकर उनकी पास पहुंची। जिसमें से ज्यादातार मामले दहेज उत्पीडऩ के थे। साथ ही दो पीडि़ताओ ने इंटरनेट मीडिया पर बदनाम करने वालों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद कार्रवाई नहीं होने की शिकायत की। इस बीच बर्रा की एक महिला ने अपने पति पर जबरन देह व्यापार करने का दवाब बनाने का आरोप लगाया। वहीं चकेरी के काजीखेड़ा निवासी आशा देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उनकी पैतृक संपती पर कब्जा करवाया जा रहा है। साथ ही उन पर जबरन मकान खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। वही रायपुरवा निवासी मन्नो देवी ने शिकायत की मार्च में उनके घर में आग लग गई थी। जिसमें उनकी गृहस्थी खाक हो गई थी। अभी तक उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। जिस पर उन्हें जल्द ही सरकारी मदद का आश्वासन दिया गया। किदवई नगर निवासी एक महिला ने बताया कि उनके पति दिव्यांग है। देवर ने पति की पैतृक संपत्ति पर कब्जा कर रखा है। सितम्बर 2020 को वह कमरे में अकेली थी। इस दौरान देवर उनके कमरे में घुसकर दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगा। शोर मचाने पर आरोपित जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। 13 महीने बाद भी इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। 

जेल का भी किया निरीक्षण : महिला जनसुनवाई के बाद राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर और रंजना शुक्ला ने जिला जेल का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने महिला बन्दी बैरक में साफ-सफाई का निरीक्षण किया। बन्दी महिलाओं से वार्ता कर उनकी समस्याएं जानीं।  एक महिला बन्दी को विधिक सहायता दिये जाने के संबंध में कार्यवाही के आदेश भी दिए। 


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