आगरा में विदेशी पर्यटकाें के सामने लगती थी जिस्म की नुमाइश, कानपुर में पकड़े गए रैकेट से खुले कई राज
तीन साल से गिरोह का सरगना जगह बदलकर देह व्यापार चला रहा था पूर्वोत्तर राज्यों से युवतियाें को लाकर गंदे काम में धकेलता था।
कानपुर, जेएनएन। व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए चल रहे देह व्यापार की जांच में जुटी पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गिरोह के तार पूर्वोत्तार राज्यों के अलावा लखनऊ और आगरा जैसे बड़े शहरों से भी जुड़े थे। आगरा में विदेशी पर्यटकों के लिए भी जिस्म की नुमाइश लगती थी और ऑन कॉल लड़कियों को भेजा जाता था। पुलिस अब गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है।
चकेरी में पकड़ा गया था रैकेट
दो दिन पहले ट्विटर हैंडल पर आई एक शिकायत के बाद पुलिस ने चकेरी में शिवकटरा रोड स्थित बांकेबिहारी मोहल्ले के एक अपार्टमेंट में छापा मारकर देह व्यापार का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने हरबंशमोहाल निवासी दीपक सिंह, उसकी सास और पश्चिम बंगाल की एक युवती को गिरफ्तार करके जेल भेजा था, जबकि दीपक की पत्नी फरार हो गई थी। पुलिस की जांच में सामने आया है कि दीपक ने एक मुस्लिम महिला से शादी की थी, जो पश्चिम बंगाल के कोलकाता की रहने वाली है। दीपक की पत्नी अपनी मां के साथ मिलकर ही इस गिरोह का संचालन कर रहीं थी। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई तो कई राज खुलकर सामने आए हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों से लाई गईं 70 युवतियां
थाना प्रभारी रवि श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह जगह बदल बदल कर पिछले तीन साल से देह व्यापार चला रहा है। तीन साल में दीपक, उसकी पत्नी व सास द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों से करीब 70 युवतियों को शहर लाया गया है। उनके रहने, खाने पीना का इंतजाम वे खुद करते थे। जो मोबाइल रिकार्ड मिले हैं, उससे यह साफ हो गया है कि देह व्यापार के लिए लाई गई लड़कियों को कानपुर से लखनऊ व आगरा भी भेजा जाता था।
आगरा में विदेशी पर्यटकों को पहले वाट्सएप पर दिखाया जाता था और फिर मनपसंद लड़िकयों को भेजा जाता था। लखनऊ में लड़कियां भेजने की पुष्टि हुई है। पुलिस जांच कर रही है जो नंबर मिले हैं, वह किसके हैं। सवाल यह भी है क्या देह व्यापार से होटल कारोबारी भी जड़े हैं या गिरोह केवल व्यक्तिगत कॉल पर ही लड़कियां भेजता था।
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