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    कानपुर में अखिलेश दुबे के पार्क की जमीन आवंटन में जांच के लिए कमेटी गठित

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:12 PM (IST)

    कानपुर में वकील अखिलेश दुबे के पार्क की जमीन आवंटन मामले में शासन ने जांच समिति गठित की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है, जिसमें केडीए पर पार्क की जमीन के अवैध कब्जे को लेकर लापरवाही का आरोप है। जांच टीम को चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी है, जिसके बाद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी, 2026 को होगी।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। वकील अखिलेश दुबे के पार्क की जमीन के आवंटन प्रकरण में शासन ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। पूर्व में दाखिल जनहित याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को जांच टीम गठित करने के आदेश दिए थे।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट में सौरभ भदौरिया ने जनहित याचिका दाखिल की थी कि जूही कलां साकेत नगर की स्कीम दो ब्लाक डब्ल्यू-1 के प्लांट संख्या 559 को पार्क के लिए सुरक्षित रखा गया था। केडीए ने पार्क के रखरखाव की जिम्मेदारी 10 साल के लिए एक प्राइवेट स्कूल को दी दी। अवधि बीतने के बाद भी पार्क पर अवैध कब्जा बना है।

    कोर्ट ने कहा, लापरवाह अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी नहीं दी गई। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं।

    इसकोलेकर आवास सचिव बलकार सिंह और विशेष सचिव राजेश राय को जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है। जांच टीम के सदस्य चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव को देंगे और प्रमुख सचिव उसके बाद दो सप्ताह में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर हलफनामे के साथ कोर्ट को कार्रवाई से अवगत कराएंगे।

    प्रकरण में सुनवाई की तिथि पांच जनवरी,2026 नियत की गई है। केडीए सचिव अभय पांडेय ने बताया कि दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। प्राधिकरण दस्तावेज तैयार करा रहा है।

    यह मामला है

    भूखंड संख्या-559, ब्लाक डब्ल्यू-एक, योजना संख्या-दो, जूही कलां का क्षेत्रफल 1.11 एकड़ है। भू-उपयोग पार्क दर्शित है। भूखंड संख्या 559 क्षेत्रफल 1860 वर्गमीटर पार्क का आवंटन डा.ब्रिजकिशोरी दुबे मेमोरियल स्कूल को 15 सितंबर 1998 में तत्कालीन मुख्य अभियंता द्वारा अनुरक्षण के लिए 10 वर्ष के लिए किया गया था, जिसकी मियाद वर्ष 2008 में समाप्त होने के बाद पुनः नवीनीकरण केडीए ने नहीं किया।

    इसमें अनाधिकृत रूप से मकान और अन्य निर्माण हो गए। मामला सामने आने पर केडीए ने उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 26 (क) 4 के अंतर्गत सरकारी भूमि पर अनाधिकृत निर्माण हटाने के लिए वाद दर्ज कर कारण बताओ नोटिस 19 जुलाई वर्ष 2025 को दिया था।