साले की करतूत से फंसा जीजा, गिरफ्तार करने ओडिशा से आई पुलिस तो रह गया दंग, फिर ऐसे हुई रिहाई
ओडिशा पुलिस ने जल निगम के सुपरवाइजर को चोरी के आरोपी को भगाने के आरोप में गिरफ्तार किया। कोर्ट ने पुख्ता सबूतों के अभाव में न्यायिक हिरासत से इनकार कर दिया। ओडिशा पुलिस के अनुसार सुपरवाइजर के साले ने जाजपुर जिले में चोरी की थी और कानपुर भाग आया था। पुलिस ने सुपरवाइजर को आरोपी को भगाने का दोषी मानकर गिरफ्तार किया था लेकिन कोर्ट ने रिहा कर दिया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कल्याणपुर के राजकीय उन्नयन बस्ती में रहने वाले जल निगम के सुपरवाइजर को चोर को भगाने के आरोप में ओडिशा पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। हालांकि, कोर्ट ने पुख्ता आरोप न होने के चलते जल निगम सुपरवाइजर को न्यायिक हिरासत में देने से इनकार कर दिया।
ओडिशा पुलिस का कहना है कि जल निगम सुपरवाइजर के साले ने ओडिशा के जाजपुर जिले में साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था और पुलिस ने बचने के लिए कानपुर भाग आया था।
यह है पूरा मामला
उड़ीसा के जाजपुर जिले के पनिकोइली थानाक्षेत्र में बीते दिनों एक चोरी की घटना हुई थी। सीसी कैमरे के चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए बिहार निवासी राजकुमार नट और कुंदन बंजारा कैद हुए थे।
पुलिस ने जब दोनों को गिरफ्तार किया तो पुष्पेंद्र का नाम सामने आया, जिसके बाद सर्विलांस और सीडीआर डिटेल के सहारे ओडिशा पुलिस पुष्पेंद्र को खोजते हुए कल्याणपुर पहुंची और कई दिनों से कल्याणपुर के राजकीय उन्नयन बस्ती में पुष्पेंद्र की तलाश में जुटी थी।
गुरुवार को पुलिस ने पुष्पेंद्र के जीजा जल निगम के सुपरवाइजर संजय के घर पर दबिश दी, लेकिन तब तक आरोपित पुष्पेंद्र फरार हो चुका था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को फरार करने का दोषी मानते हुए जल निगम सुपरवाइजर को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया।
हालांकि कोर्ट ने ओडिशा पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए संजय को न्यायिक हिरासत (ट्रांजिट रिमांड) में देने इनकार कर दिया।
कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय प्रकाश मिश्र ने बताया कि जल निगम के सुपरवाइजर को चोरी के मामले में उड़ीसा पुलिस ले गई थी, लेकिन कोर्ट के आदेश पर उन्हें रिहा किया गया है।
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