Ganga River Pollution: 4 साल में गंगा को किया मैला, प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया 2.60 करोड़ वसूली का आदेश
कानपुर में गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) संचालित करने वाली लापरवाह एजेंसियों से 2.60 करोड़ रुपये की वसूली के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन को रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं और 15 दिनों में क्षतिपूर्ति जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता,कानपुर। गंगा में गंदा पानी बहाने वाली एजेंसियों पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) संचालित करने वाली लापरवाह एजेंसियों से 2.60 करोड़ रुपये की वसूली के आदेश जारी किए हैं।
यह पहली बार है जब जिला प्रशासन को रिकवरी नोटिस (आरसी) भेजकर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूल करके 15 दिनों में विभाग के बैंक खाते में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं।
गंगा एक्शन प्लान और नमामि गंगे जैसी योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन धरातल पर हालात नहीं सुधरे। एनजीटी के निर्देशों के बावजूद एसटीपी संचालन की एजेंसियों ने सुधार नहीं किया। अब बोर्ड की तरफ से सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
गंगा नदी के साथ ही पांडु और नून नदी के किनारे सात एसटीपी का संचालन जल निगम से नामित एजेंसी करती हैं। इन एसटीपी की प्रतिदिन लगभग 450 मिलियन लीटर सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता है, लेकिन हकीकत में 40 से 60 फीसदी क्षमता पर ही काम हो रहा है।
सीवर का एक बड़ा हिस्सा बिना ट्रीटमेंट के सीधे गंगा में गिर रहा है। यह लापरवाही पकड़े जाने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने वर्ष 2021 से 2024 तक बिनगवां के 210 एमएलडी, जाजमऊ के पांच व 130 एमएलडी एसटीपी पर छह करोड़ 51 लाख 80 हजार पांच सौ रुपये का क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया है।
इस मामले में तीनों एसटीपी संचालक एजेंसियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया था, जवाब संतोषजनक नहीं होने पर 2.60 करोड़ रुपये आरसी जारी की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आरपी सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भू-राजस्व की वसूली की तरह एसटीपी संचालक एजेंसियों से क्षतिपूर्ति की वसूली 15 दिनों में तय की जाए।
सात एसटीपी पर 10.58 करोड़ रुपये लगा है क्षतिपूर्ति जुर्माना
शहर में सात एसटीपी का संचालन होता है। जिसमें पांच गंगा नदी और दो पांडु और नून नदी के किनारे बनाए गए हैं। बीते चार वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसटीपी संचालन करने वाली एजेंसियों को सुधार के लिए नोटिस जारी करता रहा है।
इस दौरान इन सात एसटीपी पर 10.58 करोड़ रुपये का क्षतिपूर्ति जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि अभी तक जुर्माने के वसूली के लिए आरसी नहीं जारी होती थी।
यह पहली बार है जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भू राजस्व की तरह पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति वसूली के आदेश दिए हैं। वहीं इस मामले में जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता मोहित चक से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने आरसी को लेकर कोई जवाब नहीं दिया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तीन एसटीपी के खिलाफ जुर्माने की वसूली के लिए आरसी जारी की गई है। जिला प्रशासन के सहयोग से एसटीपी संचालन करने वाली एजेंसियों से जुर्माने की वसूली की जाएगी।
अजीत कुमार सुमन, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी
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