Kanpur : न्यू बिजनेस सिटी सेंटर देगा एससीआर को उड़ान, औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय योजना को केडीए करेगा विकसित
कानपुर में न्यू बिजनेस सिटी सेंटर एससीआर को उड़ान देगा। इसमें केडीए भी औद्योगिक व्यावसायिक और आवासीय योजना को विकसित करेगा। एयरपोर्ट के बगल में होने स ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण संवाददाता। चकेरी में 1253 एकड़ में कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) न्यू बिजनेस सिटी सेंटर का निर्माण कराने जा रहा है। चकेरी स्थित एयरपोर्ट के बगल में प्रस्तावित बिजनेस सिटी में निवेशकों के आवागमन में सहूलियत होने से निवेशकों को आसानी से बुलाया जा सकेगा। सिटी बसने से रोजगार बढ़ेंगे।
दूसरे शहरों और विदेश से लोगों के आने से क्षेत्र पर्यटन के रूप में विकसित होगा। राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) में शामिल होने से लखनऊ, उन्नाव-शुक्लागंज और बाराबंकी से कानपुर की कनेक्टिविटी और सुधरने से न्यू बिजनेस सिटी सेंटर उद्योग और कारोबार को उड़ान देगा।
विकास प्राधिकरण के द्वारा चकेरी, रूमा और कुलगांव स्थित जमीन केडीए ने चिह्नित करनी शुरू कर दी है। यहां पर केडीए की ग्राम समाज की जमीन है। कृषि जमीन का भू-प्रयोग परिवर्तन करना होगा। खुद उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बीते दिनों क्षेत्र का मुआयना किया था। यहां पर योजना लाने को लेकर खाका तैयार करने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए हैं।
इसके लिए कंसल्टेंट का चयन किया जा रहा है। 24 सितंबर को होने वाली केडीए की बोर्ड बैठक में योजना रखी जाएगी। योजना सड़क, हवाई और जल मार्ग तीनों से जुड़ी हुई है। गंगा के बगल में, एयरपोर्ट से लगी और हाईवे से योजना जुड़ी होने से योजना को तीनों रास्तों से जोड़ा जा सकता है।
राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल होने से शहर में तेज विकास के रास्ते खुल गए हैं। केडीए बिजनेस सिटी सेंटर का खाका तैयार करा रहा है। योजना के धरातल में आने से व्यापार के साथ रोजगार बढ़ेगा। आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक के रूप में योजना को विकसित करने के लिए जमीन का निर्धारण किया जाएगा। सिटी सेंटर में साथ ही स्कूल, अस्पताल, बैंक, शापिंग माल और विद्यालय खोले जाएंगे। मल्टीनेशनल कंपनियों के आफिस बनेंगे।
शहर के प्रमुख कार्यालय, होटल और आइटी सेक्टर आदि के लिए स्थान निर्धारित किए जाएंगे, जिससे शहर के एयरपोर्ट के माध्यम से होने वाले आवागमन में वृद्धि होगी। उपाध्यक्ष के आदेश के बाद अभियंत्रण विभाग तेजी से खाका तैयार करने में जुटा हुआ है ताकि योजना को धरातल में लाया जा सके।

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