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    कानपुर में केडीए की बड़ी कार्रवाई, कब्जेदारों से 9540 वर्गमीटर जमीन खाली कराई; पांच पर मुकदमा

    Updated: Sun, 25 May 2025 03:56 PM (IST)

    कानपुर में केडीए ने ज़ोन दो के दस्ते के साथ कपिली पनकी गंगागंज और शताब्दीनगर में 9540 वर्गमीटर जमीन को कब्ज़ेदारों से मुक्त कराया। अवैध निर्माण तोड़े गए और विरोध करने वालों को पुलिस ने खदेड़ दिया। रोक के बाद भी निर्माण करने वाले पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। केडीए ने भूमि खरीदने से पहले लेआउट स्वीकृति की जांच करने का आग्रह किया।

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    कब्जेदारों से 9540 वर्गमीटर जमीन खाली कराई, पांच पर मुकदमा

    जागरण संवादददाता, कानपुर। केडीए के जोन दो के दस्ते ने फिर अभियान चलाकर कपिली, पनकी गंगागंज और शताब्दीनगर सेक्टर तीन में कब्जेदारों से 9540 वर्गमीटर जमीन खाली करा ली। इस दौरान बैकहो लोडर से पक्के मकान और कई निर्माण तोड़ दिए। विरोध करने वालों को दस्ते के साथ चल रही पुलिस ने खदेड़ दिया। इधर रोक के बाद भी निर्माण करने में पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है।

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    उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल के आदेश पर जोन दो के प्रभारी डा. रविप्रताप सिंह के साथ अवर अभियंता सीबी पांडेय की अगुवाई में टीम कपिली गांव पहुंची। यहां केडीए की आराजी संख्या 18,19,21 व 24 स्थित चार हजार वर्गमीटर जमीन पर अवैध निर्माण कर बाउंड्रीवाल बना ली गई थी, उसे दस्ते ने गिरा दिया। इसके बाद दस्ता पनकी गंगागंज पहुंचा।

    वहां आराजी संख्या 66 में 1540 वर्गमीटर जमीन पर बने पक्के कब्जे हटाए गए। शताब्दी नगर सेक्टर तीन में आराजी संख्या 118 मे चार हजार वर्गमीटर जमीन कब्जेदारों से खाली कराई गई। जमीन पर फिर कब्जे न हों, इसके लिए बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी।

    इधर रोक के बाद भी शिवकुमार द्वारा आराजी संख्या-528 बारासिरोही शिवली रोड एल्डिको, नीरज वर्मा द्वारा भूखंड संख्या-बी-84 रतनपुर विस्तार एमआइजी पार्ट-एक, मनोरमा उपाध्याय द्वारा भूखंड संख्या-686 ब्लाक- सी, पनकी, अनिल गुप्ता द्वारा भवन संख्या-ए-24, ब्लाक-एचआइजी शताब्दी नगर और छेदी लाल द्वारा परिसर संख्या-22 रतनपुर पार्ट-2 में रोक के बाद भी चोरी-छिपे निर्माण कराया जा रहा था। सभी पर मुकदमा दर्ज कराया गया।

    प्रभारी ने लोगों से कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित प्लाटिंग में भूमि खरीदने से पहले केडीए से लेआउट स्वीकृति की जानकारी ले लें और प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराकर ही भवन निर्माण करें, ताकि भविष्य में कोई नुकसान नहीं उठाना पड़े।