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    अब मनुष्य के बालों से मिलेगा पौधाें को नाइट्रोजन, IIT कानपुर के स्टार्टअप ने बाजार में उतारा बायोस्टिमुलेंट स्प्रे

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 05:18 PM (IST)

    फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए पौधों के विकास में सहायक नाइट्रोजन अब रासायनिक खाद नहीं बल्कि मनुष्य के बालों से मिलेगा। इससे फसल उत्पादन में रासायनिक खादों के प्रयोग में कमी आएगी। बालों से प्राप्त नाइट्रोजन का प्रयोग पूरी तरह से जैविक व जैविक खेती के मानदंडों पर खरा होगा। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

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    आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप रिसाइटेक नेचुरल्स ने बाजार में उतारा बायोस्टिमुलेंट स्प्रे।

    अखिलेश तिवारी, कानपुर। फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए पौधों के विकास में सहायक नाइट्रोजन अब रासायनिक खाद नहीं, बल्कि मनुष्य के बालों से मिलेगा। इससे फसल उत्पादन में रासायनिक खादों के प्रयोग में कमी आएगी। बालों से प्राप्त नाइट्रोजन का प्रयोग पूरी तरह से जैविक व जैविक खेती के मानदंडों पर खरा होगा। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

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    अभी तक रासायनिक खादों से मिट्टी की घट रही उत्पादन क्षमता ठीक होगी, जबकि रसायनों के प्रयोग से बाजार में बिकने वाली फसलों के सेवन से गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम होगा। बालों से प्राप्त नाइट्रोजन का बायोस्टिमुलेंट स्प्रे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के स्टार्टअप रिसाइटेक नेचुरल्स ने बाजार में उतारा है, जिसके प्रयोग से पौधों के विकास में स्वाभाविक तौर पर 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। अब स्प्रे का उत्पादन बढ़ाने व आम किसानों तक पहुंच लायक दरों को लेकर बड़ी कंपनियों से बातचीत चल रही है।

    देश भर में गांवों, कस्बों से लेकर शहर के मुहल्लों, घरों में हर रोज नाई की दुकानों पर बड़ी मात्रा में बाल इकठ्ठा होते हैं। इनका निस्तारण स्थानीय निकायों के लिए चुनौती भरा है, लेकिन अब यही बाल बेशकीमती होंगे। आइआइटी के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) के साथ जुड़ी कंपनी रिसाइटेक नेचुरल्स ने बालों को रिसाइकिल कर इनसे नाइट्रोजन, कार्बन व प्राकृतिक अमीनो एसिड को प्राप्त करना शुरू कर दिया है। आठ से 12 इंच तक लंबे एक किलोग्राम बालों की कीमत चार से पांच हजार रुपये तक, जबकि सैलून से बाल 450 से 500 रुपये प्रतिकिलो तक मिल रहे हैं।

    एक किलो बालों से कम से कम 150 ग्राम नाइट्रोजन मिल जाता है। कंपनी के फाउंडर रितिक श्रीवास्तव के अनुसार, बालों से प्राप्त नाइट्रोजन, कार्बन व अमीनो एसिड के साथ बायोस्टिमुलेंट स्प्रे बनाया है, जिसके लिए बाल जुटाने को टीमें लगाई हैं। अभी स्प्रे की उचित दरों के निर्धारण पर भी काम हो रहा है। कृषि विज्ञानियों के शोध एवं अनुसंधान से यह स्पष्ट हो चुका है कि फसलों में लगातार रासायनिक खाद से मिलने वाले नाइट्रोजन का प्रयोग घातक बन रहा है।

    इससे मिट्टी की उर्वरकता घटने संग भूजल पर विपरीत असर पड़ रहा है। किसान हर फसल के बाद अगली फसल के उत्पादन में ज्यादा नाइट्रोजन का प्रयोग कर रहे हैं, जो नुकसानदेह है। अब जैविक खेती की तरफ किसान तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जैविक नाइट्रोजन उपलब्ध नहीं है। यह बायोस्टिमुलेंट रासायनिक खाद की जगह नाइट्रोजन का बेहतर विकल्प बनेगा।

    गोबर की खाद से भी अधिक बालों में नाइट्रोजन

    उन्होंने बताया कि गाय के गोबर में सिर्फ 0.2 से 0.5 प्रतिशत नाइट्रोजन होता है, वह भी लंबी प्रक्रिया के बाद पौधों को मिलता है। गोबर की खाद से खेत की मिट्टी में नाइट्रोजन विकसित होने में दो से तीन साल का समय लग जाता है। इससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण धीमा होता है व उत्पादन भी कम होता है। इसके विपरीत मनुष्य के बालों में नाइट्रोजन, कार्बन के साथ अमीनो एसिड भी मौजूद होता है।

    इसे स्प्रे के रूप में सीधे पौधों में डाला जाता है। इससे उन्हें सीधे 16 प्रतिशत नाइट्रोजन के साथ कार्बन व रेयर अमीनो एसिड मिलने लगता है। पर्याप्त मात्रा में पोषकतत्व मिलने से पौधों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया तेज होने से उत्पादन भी बढ़ जाता है। अभी जैविक खेती की तरफ किसान तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जैविक नाइट्रोजन उपलब्ध नहीं है।

    रिसाइटेक नेचुरल्स ने मनुष्य के बालों से बायोस्टिमुलेंट स्प्रे बनाया है, जो विभिन्न पौधों को प्राकृतिक नाइट्रोजन, कार्बन व अमीनो एसिड देने में सहायक है। इससे मिट्टी व पौधों की गुणवत्ता में ठीक वृद्धि देखी गई है।- प्रो. दीपू फिलिप, प्रोफेसर इन चार्ज-एसआइआइसी आइआइटी कानपुर।