40 प्रतिशत GST के बाद कायमगंज के छोटे व्यापारियों और श्रमिकों पर लटकी बेरोजगारी की तलवार
कानपुर में तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की दर 28% से बढ़कर 40% होने से स्थानीय व्यापारियों में चिंता है। कायमगंज क्षेत्र के छोटे और मझोले व्यापारियों को नुकसान होगा क्योंकि बड़े व्यापारी सीधे किसानों से पत्तियां खरीदेंगे। इससे हजारों श्रमिकों के रोजगार पर संकट आ सकता है। छोटे व्यापारियों और श्रमिकों का कहना है कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

संवाद सहयोगी, कानपुर । तंबाकू पत्ता को कूटकर अलग की गई तंबाकू पर अभी तक 28 प्रतिशत जीएसटी थी। जिसे नए संशोधन में 40 प्रतिशत किया जा रहा है। जिससे तंबाकू उत्पादक क्षेत्र कायमगंज में छोटे व मझोले व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हो जाएगा। इससे तंबाकू उद्योग से जुड़े हजारों श्रमिकों पर रोजगार का संकट होने की संभावना है। नये स्लैब से बड़े व्यापारियों को फायदा मिलेगा।
अभी तक तंबाकू फसल (पत्ता की गढ़िया) पर पांच प्रतिशत व कुटाई छनाई कर बनी अनब्रांडेड तंबाकू पर 28 प्रतिशत जीएसटी थी। नई व्यवस्था में तंबाकू फसल पर तो पांच प्रतिशत जीएसटी ही रही, लेकिन कुटाई कर बनाई गई अलग अलग किस्मों की तंबाकू पर जीएसटी 40 प्रतिशत हो जाने से क्षेत्र के छोटे तंबाकू व्यापारियों का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
तंबाकू व्यापारियों के मुताबिक जो व्यापारी छोटे उद्योग के तौर पर तंबाकू की विभिन्न किस्में अलग कर स्थानीय व बाहर के बड़े व्यापारियों को बेचते रहे हैं। उनका कारोबार प्रभावित होगा। जीएसटी बढ़ने की परिस्थिति में बाहर के बड़े व्यापारी यहां 40 प्रतिशत कर अदा करने के बजाए पांच प्रतिशत पर सीधे तंबाकू फसल खरीद कर उसे अपने यहां ले जाकर तैयार करेगें।
हालांकि 28 प्रतिशत टैक्स में भी बाहर के तंबाकू व्यापारी यहां तंबाकू पत्ता फसल की खरीद करते रहे हैं। अब टैक्स 40 प्रतिशत हो जाने पर उनकी पत्ता खरीद और बढ़ेगी। यहां के छोटे व्यापारी जो तंबाकू कुटाई पिसाई का कारोबार कर श्रमिकों को रोजगार देते थे। उनका कारोबार प्रभावित हो जाएगा। स्थानीय तंबाकू व्यापारियों व श्रमिकों की मंशा है कि या तो साबुत तंबाकू के बाहर परिवहन पर रोक हो जाए, या साबुत व अनिर्मित दोनों ही तंबाकू पर जीएसटी 40 प्रतिशत हो जाए।
ट्रांसपोर्ट माफिया को मिलेगा फायदा
तंबाकू व्यापार में कई व्यापारी ट्रांसपोर्ट माफिया से मिलकर जीएसटी चोरी करते हैं। वह किसानों से पांच प्रतिशत जीएसटी अदाकर माल खरीदते हैं और उससे प्रोसेस तंबाकू और उसके अन्य उत्पाद तैयार कर चोरी छिपे बड़ी कंपनियों को सप्लाई कर देते हैं। नये स्लैब आने से टैक्स चोर व्यापारियों से ट्रांसपोर्ट माफिया फायदा उठाएंगे। अभी भी कायमगंज में कई ग्रुप टैक्स चोरी की तंबाकू की ढुलाई धड़ल्ले से करते हैं।
‘तंबाकू फसल के तैयार होने के बाद आढ़ती व व्यापारी यहां कटिंग से नस की लकड़ी अलग कर, पत्ते को सुखाकर उससे ओरछा, रवा गर्दा आदि अलग अलग करने का काम श्रमिकों द्वारा हाथों से या कटर द्वारा किया जाता है। इस काम में श्रमिकों को दैनिक रोजगार मिलता है। यदि यह काम बंद हुआ तो हम लोगों के सामने भरण पोषण का संकट हो जाएगा।’ - लज्जाराम, तंबाकू श्रमिक।
‘कायमगंज में तंबाकू के कारोबार से हजारों श्रमिकों के परिवारों का पालन होता है। जीएसटी लागू होने के बाद कुछ बड़ी गोदामों को छोड़कर छोटी गोदामें प्रभावित हुई हैं। बहुत से तंबाकू कारोबारी काम छोड़ गए। जिससे बहुत से श्रमिक तो पहले से ही बेरोजगार हैं। अब और अधिक श्रमिकों के काम पर संकट आना लग रहा है।’ - पूरन लाल, तंबाकू श्रमिक।
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