कॉल सेंटर के जरिए 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, छह खातों में रहे 4.5 करोड़ हुए फ्रीज
कानपुर में साइबर क्राइम टीम ने ई-कॉमर्स साइटों के जरिए ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह का सरगना जो एक कॉल सेंटर चलाता था गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह विभिन्न कंपनियों को विदेशों में उत्पाद बेचने का झांसा देकर उनसे पैसे वसूलता था। पुलिस ने कॉल सेंटर से भारी मात्रा में कंप्यूटर और मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। ई-कॉमर्स साइट्स से विभिन्न कंपनियों के प्रोडक्ट बिकवाने का झांसा देकर 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को साइबर क्राइम टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपित सिविल लाइंस स्थित काल सेंटर का संचालक है। साइबर टीम ने उसके काल सेंटर में छापा मार 57 मोबाइल, 78 कंप्यूटर, 11 लैपटाप, चार मोहरें व फर्जी फर्म के नाम के लेटर बरामद हुआ। वहीं, आरोपित व उसकी बनाई गई फर्मों के छह बैंक खातों में रहे करीब साढ़े चार करोड़ भी फ्रीज किए। गिरोह ने अपने जाल में नाइजीरिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड समेत देशों के लोगों को भी फंसाया और करोड़ों ठग लिए।
डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि काफी दिनों से साइबर सेल में विभिन्न कंपनियों के लोग शिकायत कर रहे थे कि ई-कामर्स साइट्स के माध्यम से एक कंपनी के कर्मचारी उनका प्रोडक्ट विदेशों में बिकवाने के लिए संपर्क करते हैं। इसके बाद पंजीकरण के लिए 50 हजार रुपये और जीएसटी के रुपये अलग लेते थे। उसके बाद विदेश की कंपनी से बात भी कराते हैं, फिर उनसे कंपनी का प्रमाणित सर्टिफिकेट मांगा जाता था। सर्टिफिकेट न होने पर उसे वही लोग बनवाते हैं।
इसके एवज में भी दो से तीन या किसी-किसी से पांच लाख तक वसूल लिए जाते हैं, लेकिन उसके बाद से कंपनी का संपर्क नंबर बंद हो जाता है। साइबर टीम ने जब जांच शुरू की और कड़ी से कड़ी जोड़ी गई तो सिविल लाइंस स्थित वेबिक्सी टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड व ग्लोबल ट्रेड प्लाजा का पता चला, जिसके संचालक नवाबगंज सिग्नेचर ग्रीन्स निवासी पुलकित द्विवेदी थे। वह कॉल सेंटर चलाता था, लेकिन उस समय उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले, पर इसीबीच कानपुर देहात के रसूलाबाद पहाड़ीपुर गांव निवासी जितेन्द्र कुमार मिला। वह उस कंपनी का पुराना कर्मचारी और कंपनी के निदेशक से काफी प्रताड़ित था। उसने साइबर क्राइम थाने में तहरीर दी। उसके बयान के आधार पर जब जांच शुरू हुई तो कई साक्ष्य मिले, जिसके बाद साइबर टीम ने पुलकित के कॉल सेंटर पर छापेमारी कर पुलकित को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि पुलकित, उसकी पत्नी फर्म की एचआर वर्तिका कटियार, पार्टनर सत्यकाम साहू ने मिलकर गिराेह तैयार किया था, जिसमें कई कर्मचारी भी शामिल हैं। काल सेंटर संचालक पुलकित द्विवेदी व उसके गिरोह के सदस्य अपने यहां जिन्हें भी नौकरी पर लगते थे, उन्हें आठ से 10 हजार तक का वेतन देते, लेकिन उससे पहले ये लोग एक बांड भरवा लेते थे, जिसमें लोगों के शैक्षिक समेत कई दस्तावेज भी रख लेते थे। साइबर टीम के छापे के दौरान काल सेंटर में 56 युवक-युवतियां काम करते मिली थीं। काम छोड़ने पर मुकदमा दर्ज करा देते थे। साइबर टीम ने आरोपित के कॉल सेंटर से 78 कंप्यूटर, 11 लैपटाप, चार मोहरें व फर्जी फर्मों के सर्टिफिकेट, 57 मोबाइल बरामद किया है।
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