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    कानपुर में दशानन मंदिर के पट खुले, रावण के श्रृंगार और पूजा के लिए उमड़े लोग

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 04:21 PM (IST)

    कानपुर के शिवाला में विजयदशमी पर दशानन मंदिर के कपाट खोले गए। रावण की प्रतिमा का श्रृंगार किया गया और सरसों के तेल के दीप जलाकर पूजा की गई। सुबह से ही रावण के दर्शन के लिए भक्त मंदिर पहुंचने लगे थे। भक्तों ने बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की कामना करते हुए रावण की दीप अर्पित की। मान्यता है कि रावण बुद्धि और पराक्रम में सर्वश्रेष्ठ था।म

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    कानपुर में दशानन मंदिर के पट खुले। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। विजयदशमी पर गुरुवार को शिवाला स्थित दशानन मंदिर के पट खोले गए। दशानन की प्रतिमा को स्नान कराकर श्रृंगार किया गया। वर्ष में एक दिन विजयदशमी को ही इस मंदिर के पट खुलते हैं। सरसों के तेल की दीप अर्पित कर दशानन का पूजन किया। सुबह से ही मंदिर में रावण के दर्शन और पूजन के लिए लोग पहुंचने लगे थे।

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    शिवाला मंदिर के स्थित है दशानन शक्ति

    शिवाला मंदिर के पास दशानन शक्ति के रूप में स्थापित है। दशानन का मंदिर छिन्नमस्तिका देवी के नजदीक बना है। दशानन मंदिर में भोर पहर ही पूजन शुरू हो गया था। भक्त लौकी और तरोई के पत्ते पर सरसों के तेल का दीपक लेकर रावण के दर्शन कर रहे हैं।

    भक्तों ने रावण की दीप अर्पित कर बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की मनोकामाना की। मान्यता है कि रावण बुद्धि और पराक्रम में सर्वश्रेष्ठ था। इसलिए लोग पूजन करते हैं। रात 8:30 बजे तक रावण के दर्शन के लिए पट खुल रहेंगे। इसके बाद पट बंद कर दिए जाएंगे।