सिमकार्ड को ई-सिम में बदलकर ट्रांसफर कर लिए 1.26 करोड़, कानपुर के लॉजिस्टिक कारोबारी के साथ ठगी
कानपुर में साइबर ठगों ने एक कारोबारी के सिम को ई-सिम में बदलकर 1.26 करोड़ रुपये उड़ा लिए। पीड़ित को पीएम किसान योजना जैसे कई APK फाइलें भेजी गईं फिर सिम बदलने का मैसेज आया। सिम बंद होने पर पता चला कि खाते से पैसे मुंबई के खाते में ट्रांसफर हो गए हैं। साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है पुलिस जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। ओटीपी और शेयर मार्केट में फायदे के झांसों में लेकर लोगों की पूंजी उड़ाने वाले ठगों ने नया तरीका अपनाया है। इस बार उन्होंने झांसा देकर कारोबारी के सिमकार्ड को ई-सिम में बदल दिया और उनके 1.26 करोड़ रुपये से ज्यादा अपने मुंबई के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए। सिमकार्ड काम न करने पर वह टेलीकॉम स्टोर पहुंचे तब साइबर ठगी की जानकारी हुई। उन्होंने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
अशोक नगर निवासी लॉजिस्टिक कारोबारी मोकम सिंह गुरुद्वारा भाई बन्नो साहिब प्रबंधन समिति के पूर्व प्रधान हैं। उनके बेटे हरदीप सिंह ने बताया कि शनिवार रात पहले पिता के वाट्सएप पर पीएम किसान योजना, आरटीओ चालान, केनरा बैंक, आधार अपडेट, इंदिरा आवास विलेज समेत कई एपीके फाइल भेजी गईं। इसके बाद उसी रात 23.17 बजे उनके मोबाइल फोन पर एयरटेल कंपनी का सिम बदलने का मैसेज आया।
उसमें लिखा था कि आपका सिमकार्ड बदलने का आदेश हुआ है। अगर सिम नहीं बदलना चाहते हैं तो नो सिम लिख 121 पर मैसेज कर दें। इस पर उन्होंने मैसेज कर दिया। अगले दिन रविवार दोपहर करीब साढ़े 12 से एक बजे के बीच सिमकार्ड का नेटवर्क चला गया। पिता ने जानकारी दी तो वह एयरटेल के कई स्टोर पर गए, पर सब बंद थे। सोमवार सुबह 10 बजे जब स्टोर पर जाकर जानकारी दी तो बताया गया कि कंपनी की तरफ से कोई सिम बदलने की बात नहीं कही गई। सिमकार्ड को ई-सिम में बदला गया है। ये साइबर ठगी हो सकती है। उन्होंने बैंक और थाने जाने को कहा। जब बैंक गए तो पता चला कि पिता के बैंक खाते से एक करोड़ 26 लाख 85 हजार 779 रुपये निकल चुके हैं। उन्होंने ऑनलाइन साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
हरदीप ने बताया कि जानकारी करने पर ये पता चला कि पिता के तीन बैंक खातों से मुंबई की बैंक ऑफ इंडिया में रुपये ट्रांसफर हुए हैं। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिस बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर हुए हैं। उसे फ्रीज कराने के लिए ई-मेल की गई है। साइबर टीम जांच कर रही है।
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