दुकान में अकाउंटेंट था तौसीफ, पिता करतूतों से था अनजान; हिंसक घटना को अंजाम देने की फिराक में था आरोपी
कानपुर के सुजातगंज में मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसा की साजिश रचने के आरोप में तौसीफ को एटीएस ने गिरफ्तार किया। वह एक दुकान में अकाउंटेंट था और उसका एक ही दोस्त था जिसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। परिजनों के अनुसार तौसीफ ज्यादातर मोबाइल पर व्यस्त रहता था और किसी से ज्यादा बात नहीं करता था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसक घटना अंजाम देने की योजना बनाने वाले आरोपितों में सुजातगंज का तौसीफ एक दुकान में अकाउंटेंट था। उसका सिर्फ एक ही दोस्त था। तौसीफ के साथ दोस्त को भी रविवार रात एटीएस ने पकड़ा था, लेकिन उसकी संदिग्ध गतिविधियां व कोई कनेक्शन न मिलने पर छोड़ दिया गया, जबकि तौसीफ को एटीएस अपने साथ लखनऊ ले गई। स्वजन के अनुसार, बेटा ज्यादातर मोबाइल फोन पर व्यस्त रहता था, लेकिन उसके मन में क्या चल रहा था। वे लोग अनजान थे।
सुजातगंज नई बस्ती निवासी ई-रिक्शा चालक इसरार अहमद की पांच बेटियां व दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मो. तौसीफ बीकाम करने के बाद पीरोड की एक दुकान में अकाउंटेंट का काम करने लगा था। पिता ने बताया कि बेटा बहुत कम बात करता था।
मुहल्ले में भी ज्यादा किसी से नहीं बोलता था। उसका सिर्फ एक ही दोस्त है। काम से लौटने के बाद उसी के साथ रात में नमाज पढ़ने जाता और उससे बात कर घर लौट आता था। हालांकि घर पर भी तौसीफ मोबाइल फोन ज्यादा चलाता था।
रविवार रात काम से घर लौटा और दोस्त के साथ नमाज पढ़ने गया था, लेकिन रास्ते से ही दोनों को कुछ लोग उठा ले गए। उनसे थाने में पूछताछ की गई, जिसके बाद तौसीफ को गिरफ्तार कर लिया और उसके दोस्त को छोड़ दिया गया। इसके बाद रात में थाने से एक दारोगा का फोन आया। उन्होंने बताया कि तौसीफ को एटीएस लखनऊ ले गई है। पिता ने बताया कि उन्हें भरोसा नहीं है कि तौसीफ ऐसा कुछ कर सकता है।
वहीं, मुहल्लेवालों का भी कहना है कि तौसीफ किसी से बात तक नहीं करता था। सोमवार को लोगों की भीड़ गली में देर रात तक रही। वहीं, स्वजन जब थाने पहुंचे और मुकदमे के बारे में जानकारी की तो उन्हें बताया गया कि थाने में उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है।
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