मशीन में ऊपर से रुपये जमा करते... नीचे से निकाल लेते, कानपुर में एक महीने में 1.39 करोड़ का खेल
कानपुर में एटीएम में कैश जमा करने वाली कंपनी के कर्मचारी ने 1.39 करोड़ रुपये का घपला किया। कर्मचारी कैश रिसाइक्लिंग मशीन में कैश जमा करता और खाते में रुपये जमा होने का मैसेज आते ही ट्रे खोलकर रुपये निकाल लेता था। पुलिस ने कर्मचारी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीन भाइयों के नाम भी सामने आए हैं जो एटीएम कार्ड उपलब्ध कराते थे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। बैंकों के एटीएम में कैश जमा करने वाली कंपनी के कर्मचारी ने बड़ा खेल कर डाला। वह कैश रिसाइक्लिंग मशीन (सीआरएम) में कैश जमा करता और खाते में रुपये दर्ज होने का संदेश मोबाइल फोन पर आते ही ट्रे खोलकर उतने ही रुपये निकाल लेता था। करीब एक माह में उसने ऐसे ही 1.39 करोड़ रुपये निकाले।
पहले तो मामला पकड़ में नहीं आया, लेकिन लगातार रुपये कम निकलने पर जांच शुरू हुई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो कैमरों की फुटेज खंगाली गईं। इसके बाद पूरा खेल खुला। कर्मचारी ने मदद के लिए दो साथियों को भी अपने साथ शामिल किया था। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन सगे भाइयों के नाम भी सामने आए हैं, जो आरोपितों को एटीएम कार्ड उपलब्ध कराकर जालसाजी करवाते थे। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
डीसीपी दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बुधवार को बताया कि एटीएम में कैश डालने वाली कंपनी हिटाची पेमेंट सर्विसेज के फ्राड एंड रिस्क डिपार्टमेंट के असिस्टेंट मैनेजर घनश्याम ओमर ने किदवईनगर थाने में मुकदमा कराया था। उनके मुताबिक किदवईनगर जी ब्लाक स्थित बैंक आफ बड़ौदा की सीआरएम से इसी वर्ष 21 मार्च से 24 अप्रैल के बीच एक महीना तीन दिन में एक करोड़ 38 लाख 91 हजार 500 रुपये पार किए गए हैं। कैमरे देखने से पता चला कि कुछ युवकों ने मशीन में पहले कैश जमा किया, इसके बाद चाबी से मशीन खोलकर रुपये निकाल रहे हैं।
पुलिस को फुटेज से एक युवक का हुलिया हिटाची कंपनी में ही काम करने वाले बिठूर निवासी दीपक जायसवाल जैसा दिखा। पुलिस ने उसे पकड़ा तो राजफाश हो गया, जिसकी निशानदेही पर विपिन दीक्षित और सुंधाशु जैसवार को धर दबोचा। इनके पास से 19 लाख 15 हजार रुपये नकद, आभूषण, एक एटीएम कार्ड और कार बरामद हुई है।आरोपित दीपक ने पूछताछ में बताया कि मशीन खोलने की चाबी उसके पास रहती थी। कैश जमा करने वाली कंपनी में कस्टोडियन होने के चलते कोई शक भी नहीं करता था।
दीपक ने बताया कि वह हिटाची में काम करने से पहले सीएमएस कंपनी में काम करता था। वहीं पर तीन भाई अंकित, मनीष और आशीष त्रिपाठी भी टेक्निकल डिपार्टमेंट में काम करते थे। अंकित और मनीष ने रुपये जमा करने वाली मशीन से जालसाजी कर रकम उड़ाने का प्लान बताया। वही एटीएम कार्ड और रुपये उपलब्ध कराते थे और उन्हीं द्वारा तय की गई मशीन तक उनकी कार से पहुंचते थे। लालच में आकर वह भी शामिल हो गया और शहर की कई मशीनों से रुपये निकाले गए। एटीएम में चाबी निकालकर ट्रे हटाने का काम मास्टरमाइंड तीनों भाई ही करते थे।
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