जूता व्यापारी को पीटने, अपहरण और रंगदारी मांगने के दो आरोपितों ने किया आत्मसमर्पण, सिर पर था 50-50 हजार का इनाम
कानपुर में जूता व्यापारी के अपहरण और रंगदारी मामले में वांछित गोपाल शरण सिंह और विकास ठाकुर ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित था। अदालत ने उन्हें 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। व्यापारी राकेश अरोड़ा ने अपहरण और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।

जागरण संवाददाता, कानपुर । जूता व्यापारी के अपहरण, रंगदारी मांगने और मारपीट में आरोपित गोपाल शरण सिंह उर्फ गोपाल सिंह और विकास उर्फ विक्की ठाकुर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा की कोर्ट में शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया।
दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के साथ इन दोनों अभियुक्तों के नाम भी विवेचना में प्रकाश में आए थे। कोर्ट ने दोनों को 19 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। कोर्ट में दोनों की तरफ से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। कोर्ट ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिए।
जूता व्यापारी राकेश अरोड़ा ने लगाए थे आरोप
केशव नगर डब्ल्यू ब्लाक निवासी जूता व्यापारी राकेश अरोड़ा उर्फ लोरी ने दीनू उपाध्याय, धीरज दुबे, उसके भाई नीरज दुबे और अज्ञात आरोपितों पर अपहरण, डकैती, मारपीट, रंगदारी मांगकर धमकाने में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई था। आरोप था कि 17 सितंबर 2021 की रात आरोपित कार से उनका अपहरण कर मैनावती मार्ग ले गए और फोन, 64 हजार रुपये लूट लिए। इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा व 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी।
विवेचना में बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, दीपक जादौन, गोपाल शरण सिंह उर्फ गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण सिंह भदौरिया, राम खिलावन, संजय उपाध्याय, विकास ठाकुर उर्फ विक्की, अनूप शुक्ला का नाम प्रकाश में आया था।
शनिवार को गोपाल शरण सिंह उर्फ गोपाल सिंह और विकास उर्फ विक्की ठाकुर ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उनकी ओर से जमानत प्रार्थनापत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि उन लोगों ने कोई अपराध कारित नहीं किया है। रंजिशन झूठा फंसाया गया है। अभियोजन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है। कोर्ट ने दोनों के जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।